“हमें सकारात्मक प्रयास करने होंगे” – कबीर पीस सेंटर एंड सेंटर फॉर हार्मोनी

By TCN News,

वाराणसी : अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पैरवी करने और उनके हक़ में खड़े होने की क़वायद को और मजबूत करने की नीयत से कल बनारस में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.


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“पूरी दुनिया में आज अल्पसंख्यकों के अधिकारों एवं उनकी संस्कृति को दोयम दर्जे का समझने का चलन होता जा रहा है. उनके साथ न केवल भेद-भाव हो रहा है बल्कि जुल्म, ज़्यादती एवं मानवाधिकार हनन के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. हिन्दुस्तान बहुलतावादी संस्कृति का देश रहा है और इस देश ने वसुधैव कुटुम्बकम की परिभाषा में विश्वास किया है. लेकिन आज एकल संस्कृति तथा एकल धर्म अल्पसंख्यकों पर थोपा जा रहा है, जिससे हमारे संवैधानिक तथा धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है. यदि समय रहते हम सचेत नहीं हुए तो अतिवादी ताकतें प्रजातंत्र के अस्तित्व के लिए खतरा बन जायेंगी. हमें इन प्रयासों को विफल करने के लिए सकारात्मक प्रयास करने होंगे.”

ये बातें कबीर पीस सेंटर एवं सेंटर फॉर हारमोनी एण्ड पीस द्वारा बड़ालालपुर में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं द्वारा उठकर आईं.

ज़हीर अहमद ने कहा, “दुनिया भर में अल्पसंख्यकों ने, विशेषकर भारत में, अपने हुनर से मुल्क को सजाया-संवारा तथा इसके विकास में बहुमूल्य योगदान दिया पर आज उनका आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक स्तर निम्न है. इसमें सरकार तथा सरकार में बैठे हुए लोगों द्वारा उनके साथ किया जा रहा सौतेला व्यवहार महत्वपूर्ण कारक है.”

नाहिदा ने कहा कि अल्पसंख्यकों को अपनी राह के रोड़ों को खुद दूर करना होगा तथा शिक्षा ग्रहण कर सरकारी तथा गैर-सरकारी योजनाओं में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. आपसी एकता को ज़रिया बनाकर सरकार पर दबाव भी बनाने की ज़रूरत है.

नाहिदा ने आगे कहा, “हमें ऐसे प्रतिनिधियों का चुनाव करना होगा जो जाति व धर्म से ऊपर उठकर सभी के विकास एवं समृद्धि की बात कर सकें, ना कि वर्ग एवं धर्म विशेष की.”

संगोष्ठी का संचालन डॉ. मोहम्मद आरिफ व धन्यवाद ज्ञापन मो. खालिद ने किया. संगोष्ठी में पेशावर में आतंकी घटना में मारे गए बच्चों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया तथा इस तरह के घृणित आतंकी घटना की निंदा भी की गई.

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