Home India News खुद की सालगिरह के दिन याक़ूब मेमन ने फांसी को गले लगाया

खुद की सालगिरह के दिन याक़ूब मेमन ने फांसी को गले लगाया

TwoCircles.Net Staff reporter

मुंबई/ नागपुर: याक़ूब मेमन को आज यानी 30 जुलाई की सुबह नागपुर सेन्ट्रल जेल में फांसी पर चढ़ाया गया. सुबह होते-होते याक़ूब को बचाने के लगभग सारे प्रयास हो चुके थे. भोर 4:30 बजे सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याक़ूब को बचाने का आखिरी प्रयास भी असफल कर दिया. तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि याकूब को खुद का बचाव करने के पूरे मौके दिए गया. साथ में बेंच ने यह भी कहा कि डेथ वारंट पर स्टे लगाना न्याय का मज़ाक उड़ाना होगा.

याक़ूब मेमन को सुबह तकरीबन 6:30 बजे फांसी दी गयी और सुबह 7:01 बजे मृत घोषित किया गया. याक़ूब मेमन की गर्दन का एक्स-रे हुआ, नब्ज़ जांची गयी और यह कहा गया कि वह अब मर चुका है. याक़ूब मेमन का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और मरने के दो घंटों बाद उनके दो भाइयों को जेल के अन्दर ले जाया गया.


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तमाम कयासों और उलटबांसियों के बीच याक़ूब मेमन का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया. याक़ूब मेमन का शव आज नागपुर से मुंबई इंडिगो एयरलाइंस की एयर एम्बुलेंस द्वारा ले जाया गया. मुंबई के माहिम में रह रहे याकूब के परिवार के लोग कुछ अंतिम संस्कारों को अंजाम देंगे और उसके बाद याक़ूब को सुपर्द-ए-खाक़ करने की बातों को लेकर अभी भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

मुंबई और नागपुर समेत पूरे महाराष्ट्र में पुलिसिया चाक-चौबंदी कर दी गयी है. याक़ूब का शव उसके परिवार को देने की शर्त भी रखी गयी, वह ये कि याक़ूब का कोई जनाज़ा नहीं निकलेगा, न कोई नुमाईश होगी. सरकार से जुड़े लोग और जानकार बताते हैं कि सरकार को अमरीका की तरह काम करेगी. जिस तरह अमरीका ने ओसामा बिन लादेन की लाश के पते को आखिर तक इस डर से गुप्त रखा कि कहीं उसका कोई मकबरा न बन जाए, वैसे ही महाराष्ट्र सरकार याक़ूब मेमन की कब्र को गुप्त रखने की तैयारी में है. ध्यान देने वाली बात मालूम होती है सरकार के लिए ओसामा बिन लादेन और याक़ूब मेमन में कोई अंतर नहीं है.

याक़ूब मेमन का आज 53वां जन्मदिन है. आज सुबह उसके भाई सुलेमान मेमन नागपुर जेल में केक लेकर पहुंचे. सुलेमान से मिलने के बाद याक़ूब रोने लगा. उसने मेडिकल चेकअप कराने से मना कर दिया. उसने अपनी वसीयत तैयार की और अपनी ज़ायदाद पत्नी व बेटी को सौंप दी. साथी कैदियों से कहे-सुने के लिए माफी मांगी. क़ुरान पढ़ा और नमाज़ अता की. फिर 6:30 बजे वह फांसी पर चढ़ गया.