Home India Politics सीमांचल से लड़ेगी मजलिस, अख्तरुल ईमान बिहार सदर बनाये गए

सीमांचल से लड़ेगी मजलिस, अख्तरुल ईमान बिहार सदर बनाये गए

MIM Press Conference announcing decision to participate in Bihar Assembly Election

TwoCircles.net Staff Reporter

पिछले महीने के इंतज़ार के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (मजलिस) सुप्रीमो सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ने बिहार चुनाव को लेकर अपने पत्ते अब खोल दिए हैं. शनिवार को हैदराबाद में हुई एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बिहार चुनाव में सीमांचल इलाके से चुनाव लड़ने की घोषणा पार्टी सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कर दी है. हालांकि ये अभी तय नहीं है कि मजलिस सीमांचल के 24 सीटों में कितने सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी.

पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका खुलासा किए बिना आवैसी ने कहा कि –‘हम बिहार के सीमांचल इलाके तक सीमित रहेंगे. हम जीत की अपनी संभावनाओं को लेकर यर्थाथवादी हैं. हमें अपनी मज़बूती और कमजोरियों का पता है. हमारा सीमांचल क्षेत्र में चुनाव लड़ना सीमांचल क्षेत्र के हित एवं न्याय में है.’

इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ओवैसी ने यह भी कहा कि –‘बिहार के विकास के मापदंड खराब हैं. और सीमांचल में तो यह और भी खराब है. इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार धारा-371 के तहत एक क्षेत्रीय विकास परिषद का गठन करे.’

साथ ही ओवैसी ने यह भी घोषणा की कि एआईएमआईएम के बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल इमाम होंगे और पार्टी सीमांचल के पिछड़ेपन को पार्टी का चुनावी मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ेगी.

अब यहां बताते चलें कि मजलिस के सिर्फ सीमांचल से चुनाव लड़ने की ख़बर TwoCircles.net ने आज से 15 दिन पहले ही कर दी थी.

पूरे बिहार नहीं, सिर्फ सीमांचल से लड़ सकती है ओवैसी की पार्टी चुनाव

Twocircles.net बातचीत में मजलिस के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने कहा कि –‘सीमांचल का हमारा ये क्षेत्र देश व राज्य में हो रहे तमाम विकास के कार्यों से वंचित रहा है. सरकारों की उपेक्षा के कारण ये इलाक़ा गरीबी, अशिक्षा, बेरोज़गारी, पिछड़ेपन और पस्मांदगी के अंधेरे में डूबा हुआ है. आख़िर हम कब तक धोका खाते रहेंगे?’

पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी? इस सवाल पर अख्तरुल इमाम बताते हैं कि –‘सीमांचल के सारे विधानसभा से लोग पार्टी के पास अपनी उम्मीदवारी के दावे कर रहे हैं. बहुत सारे बायोडाटा हमारे जमा हुए हैं. अब पार्टी के संसदीय बोर्ड के मीटिंग में तय किया जाएगा कि किन्हें टिकट दिया जाए और किन्हें नहीं.’

स्पष्ट रहे कि सीमांचल में चार ज़िले आते हैं – अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार. ये चारों इलाक़े भारत के सबसे पिछड़े इलाक़े माने जाते हैं. जबकि बिहार के 17 मुसलमान विधायकों में से आठ इन्हीं चार ज़िलों से आते हैं.

यहां चुनाव सबसे आखिरी चरण में है. 5 नवंबर को इन चारों इलाक़ों के 24 सीटों के लिए मतदान होगा.