Home India Politics गंगा में चलेंगे जहाज लेकिन मोदी का बनारस तो डूब रहा है

गंगा में चलेंगे जहाज लेकिन मोदी का बनारस तो डूब रहा है

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net

वाराणसी: इस शहर में एक घाट है, सामने घाट. यहां से गंगा नदी होकर गुज़रती है. नितिन गडकरी ने बनारस से हल्दिया तक जहाज चला दिया है. लोग और माल एक बड़े जहाज़ में पानी चीरते हुए निकल जाएंगे. लेकिन फिर सामने घाट पर रहने वाले हरिश्चंद्र हैं, पार्वती हैं, राकेश कुमार हैं. इनका नितिन गडकरी के जहाज से कोई लेना-देना नहीं. इनका आशियाना डूब रहा है. गंगा सड़क से महज़ दस मीटर की दूरी पर बह रही है और उसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सारे मकान आधे से भी ज्यादा पानी के अन्दर हैं.

यदि किसी घर में तस्वीर खींचने के लिए घुसना चाह रहे हैं तो पानी के साथ बहकर आने वाले गाद ने रास्ते को भी दुरूह बना दिया है. आप सामने घाट पर पंद्रह मिनट खड़े होते हैं तो इन पंद्रह मिनटों में आपको बड़ी-बड़ी नावों पर लदकर आते हुए कम से कम तीन परिवार दिख जाते हैं, जिनके घर इस लगातार बढ़ रही बाढ़ में डूब गए हैं. वे अपने साथ बड़े ड्रम में भरकर अनाज और राशन लेकर आते हुए दिखते हैं.

पार्वती ऐसी ही एक नाव में आती हैं और कहती हैं, ‘पीएसी वाले भी हैं. ऊ कुछ भी नहीं करते हैं. हम लोग बोले कि मदद कर दो, कुछ नहीं किए. फिर हमको नाव ढूंढ कर आना पड़ा.’

अस्सी घाट पर नरेंद्र मोदी ने सिल्ट हटाते हुए स्वच्छता अभियान का एक नया अध्याय शुरू किया था. यहां पानी अब सड़क तक आ गया है. हजारों की भीड़ यहां तमाशबीन की तरह बाढ़ देखने आती है. भीड़ में मौजूद एक आदमी अपनी पत्नी से कहता है, ‘क्या देखोगी? सब पानी तो है.’ फिर दो मिनट बाद वे अपनी कार में बैठकर अपने सुरक्षित आशियाने की ओर चले जाते हैं.

हरिश्चन्द्र घाट पर मुर्दे अब गली में जलाए जा रहे हैं. बादल, गली और ऊंची दीवारें. इनके बीच यदि आप दस मिनट भी बिना मुस्तैदी के रहे तो चिता से निकलने वाला धुआं आपको मार सकता है. जिनके घरों की लाशें जलती हैं, वे भी गली से बाहर खड़े रहते हैं. यहां भईयालाल है. उनकी कंसल्टेशन फीस दो रूपए है. भईयालाल कहते हैं, ‘अन्दर कोई नहीं जाता है. कोई नहीं रहता है. घरवाला तो मर गया, अब क्या जो जलाने आया है उहो मर जाए?’

अभी तक यहां कूड़े, सीवर के पानी से बजबजाती सड़कों और भयानक गंदगी के बारे में नहीं लिखा गया है. यदि लिखा जाए तो जिम्मेदारी की खोज शुरू होगी, जिम्मेदारी ही नहीं जवाबदेही की भी खोज शुरू होगी. इसके लिए नरेंद्र मोदी से लेकर स्थानीय पार्षद तक सब जवाबदेह हैं. लेकिन इन मुद्दों की सुनवाई ही नदारद है.


Cremation in the streets of Harishchandra Ghat
हरीश्चन्द्र घाट की गलियों में होता शवदाह


The street to Assi is submerged in Ganga
गंगा के पानी और कूड़े से भरी हुई अस्सी घाट की ओर जाने वाली गली


Ganga water has come over to the road


Assi
पानी में पूरी तरह डूब चुका अस्सी घाट


Flood situation at Samne Ghat


A family coming ashore after leaving their house


Flood at Samne Ghat