Home India Politics बनारस में केजरीवाल, मोदी को बताया घूसखोर

बनारस में केजरीवाल, मोदी को बताया घूसखोर

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net

वाराणसी : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल नोटबंदी आज बनारस में थे. मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी को लेकर लिए गए हालिया फैसले के मद्देनज़र जनसम्मेलन करने और रैली करने के लिए अरविन्द केजरीवाल ने ओरासिद्ध राजनारायण स्मृति पार्क, बेनियाबाग में रैली की.

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कोहरे की वजह से विमान में देर से अरविन्द केजरीवाल तयशुदा वक़्त से काफी देर बाद कार्यक्रम स्थल पहुंच सके.

लेकिन कार्यक्रम में पहुंचते ही अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर ताबड़तोड़ हमले करने शुरू कर दिए. अरविन्द केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी पर बिडला और सहारा ग्रुप से घूस खाने का आरोप लगाया.

Arvind Kejriwal in Varanasi - Dec 2016

अरविन्द केजरीवाल अपने साथ कागजों का पुलिंदा लेकर आए थे. मालूम हो कि ये वही दस्तावेज़ हैं, जिनकी बिना पर अरविन्द केजरीवाल मोदी पर बीते दिनों भी आरोप लगा चुके हैं.

इन दस्तावेजों को जनता के बीच लहराते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार तरीके से बिड़ला समूह और सहारा समूह द्वारा नरेंद्र मोदी को बतौर गुजरात मुख्यमंत्री दिए गए करोड़ों रूपए की घूस का खुलासा किया, जिसका भारतीय जनता पार्टी की ओर से फिलहाल कोई खंडन नहीं किया गया है.

Crowd at AAP rally Varanasi - Dec 2016

प्रधानमंत्री पर संगीन आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सिलसिलेवार तरीके से अपने पूंजीपतियों के कर माफ़ कर रहे हैं लेकिन उनसे किसानों का क़र्ज़ माफ़ नहीं किया जा सकता है.

कैशलेस इकॉनोमी की बात पर अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि आज भी साहूकार और पटवारी घूस ले रहे हैं, और अब तो घूस दो-दो हज़ार के नोटों में दी जा रही है. कहीं कोई सुधार नहीं हुआ है.

अजान के लिए चुप हो गए केजरीवाल

अरविन्द केजरीवाल के भाषण के बीच में अचानक पास मौजूद नई सड़क मस्जिद से अजान की आवाजें सुनाई देने लगीं तो अरविन्द केजरीवाल फ़ौरन चुप हो गए. जब तक अज़ान न हो गयी अरविन्द केजरीवाल चुप रहे.

ज्ञात हो कि भारत में नोटबंदी को लेकर यह कोई पहली रैली साबित हुई है. इसके पहले धरना और प्रदर्शन तो किए गए हैं लेकिन विरोध में रैली किसी राजनीतिक दल ने पहली बार की है.

बनारस नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट है. यहां से अरविन्द केजरीवाल का नरेंद्र मोदी पर हमला करने के मकसद साफ़ हैं. हालांकि मंच ने केजरीवाल ने कहा कि वे बनारस वोट बटोरने नहीं बल्कि पीड़ितों से बातचीत करने आए हैं, लेकिन तीन महीनों बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र इस रैली के मकसद साफ़ हैं.

कहा जा रहा है कि अरविन्द केजरीवाल यूपी में भी बिहार की तर्ज पर किसी सोशलिस्ट गठबंधन की तलाश में है, जिसका मूल मकसद भाजपा के खिलाफ लहर विकसित करना होगा लेकिन ऐसा कोई मजबूत समीकरण अभी बनता नज़र नहीं आ रहा है.

बनारस से केजरीवाल का उतना ही पुराना रिश्ता है जितना मोदी का. दोनों ने ही लोकसभा चुनावों के वक़्त पहली बार काशी का मुंह देखा था, लेकिन काशी ने नरेंद्र मोदी को चुना. मुश्किल से बीस हज़ार लोगों की भीड़ के बीच नोटबंदी के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद करते अरविंद केजरीवाल की आवाज़ की गूंज कितनी दूर तक सुनाई देगी, यह तो वक़्त ही बताएगा लेकिन मौजूदा परिदृश्य में अब मोदी भी भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त नहीं है, यह तय है.