Home India News अलग-अलग ‘लैंड’ की मांग, पीएम मोदी को बताया ‘गद्दार’

अलग-अलग ‘लैंड’ की मांग, पीएम मोदी को बताया ‘गद्दार’

TwoCircles.net Staff Reporter

Protest for Gorkhaland & Bodoland

नई दिल्ली : बुधवार को जंतर-मंतर अलग-अलग लैंड की मांग का गवाह रहा. जहां एक तरफ़ बोडो तबक़ा अलग बोडोलैंड की मांग कर रहा था वहीं दूसरी तरफ़ गोरखावासी अलग गोरखालैंड के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. इस बीच नागा स्टूडेन्ट यूनियन मणिपुर में सात नए ज़िले बनाए जाने का विरोध कर रहे थे.

अलग बोडोलैंड राज्य के लिए कई संगठन मिलकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 लोकसभा के दौरान अपनी चुनावी मैनिफेस्टो में बोडोलैंड का वादा किया था. अब हम वादा-ख़िलाफ़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे. अपने संबोधन में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को गद्दार क़रार दिया और चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी गई तो अंजाम काफी बुरा होगा.

Protest for Gorkhaland & Bodoland

Protest for Gorkhaland & Bodoland

स्पष्ट रहे कि 1987 में अलग बोडोलैंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था लेकिन अब तक इन्हें कोई सफलता नहीं मिली.

वहीं दूसरी तरफ़ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ कई संगठन मिलकर अलग गोरखालैंड राज्य की मांग कर रहे थे. इनका भी मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन्हें धोखा देने का काम कर रहे हैं.

वक्ताओं का कहना है कि –‘भारतीय संविधान के अनुसार लाखों गोरखावासियों के लिए अन्य राज्यों की तरह अलग संस्कृति, भाषा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए.’

Protest for Gorkhaland & Bodoland

वक्ताओं के निशाने पर सांसद एस एस आहलुवालिया भी रहें. इनके मुताबिक़ आहलुवालिया को गोरखालैंड के नाम पर चुनकर संसद में भेजा गया था, लेकिन वो अलग राज्य की मांग पर ईमानदार नहीं हैं.

Protest for Gorkhaland & Bodoland

Protest for Gorkhaland & Bodoland

Protest for Gorkhaland & Bodoland

Protest for Gorkhaland & Bodoland

स्पष्ट रहे कि 1907 से गोरखालैंड की मांग की जा रही है. 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने चुनावी जनसभा में भी कह चुके हैं कि ‘गोरखाओं का सपना हमारा सपना’. ऐसे में वक्ताओं का कहना है कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा करें.

इस बीच इसी जंतर-मंतर पर नागा स्टूडेन्ट यूनियन मणिपुर में सात नए ज़िले बनाए जाने का विरोध कर रहे थे. नके मुताबिक़ मणिपुर सरकार ने राज्य में सात और नए ज़िले बनाए हैं, जिन्हें मिलाकर अब कुल 16 ज़िले हो गए हैं.

Protest for Gorkhaland & Bodoland

स्पष्ट रहे कि जो नए ज़िले बनाए गए हैं उनके नाम थेंगनोपल, काकचिंग, फेरजावल, कामजोंग, नोनी, जिरीबाम और कांगपोकी है और इनके उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गई है.