Home India News संघ परिवार के राष्ट्रविरोधी इतिहास को सार्वजनिक करने के लिए होगा सम्मेलन

संघ परिवार के राष्ट्रविरोधी इतिहास को सार्वजनिक करने के लिए होगा सम्मेलन

TwoCircles.net News Desk

लखनऊ : जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी और देशभर में शैक्षणिक सस्थानों, प्रगतिशील विचारों व अभिव्यक्ति की आजादी पर बढ़ रहे संघी हमले के खिलाफ़ आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए रिहाई मंच की बैठक आज लाटूश रोड स्थित लखनऊ कार्यालय पर हुई.

बैठक में निर्णय लिया गया कि स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रेज़ों के पक्ष में खड़े होने के संघ परिवार के इतिहास के दस्तावेज़ों को सार्वजनिक कर लोगों को संघ की देश विरोधी विचारधारा से अवगत कराया जाएगा.

Rihai Manch

मंच ने अपनी बैठक में हेडली के गुमराह करने वाले बयान का इस्तेमाल भाजपा द्वारा इशरत जहां की फ़र्ज़ी मुठभेड़ में की गई हत्या को जायज़ ठहराने की कोशिश की निंदा की.

मंच जल्दी ही इस मसले पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट जारी कर आईएसआई और सीआईए के डबल एजेंट रहे हेडली के बयानों और केंद्र सरकार की अपने साम्प्रदायिक खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को इशरत की हत्या से बेदाग़ साबित करने की कोशिश को बेनकाब करेगा.

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जेएनयू में हुए आयोजन में संघ परिवार से जुड़े तत्वों ने ही पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था. ताकि आयोजन-कर्ताओं को राष्ट्रविरोधी तत्व घोषित करके रोहित वेमुला मामले में संघ की भूमिका पर हो रही बहस को भटकाया जा सके.

वक्ताओं ने कहा कि संघियों का इतिहास ही रहा है कि वे मुस्लिमों की वेशभूषा में जाकर आपराधिक कृत्य करते हैं. संघ परिवार से जुड़े देश के पहले आतंकी गोडसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने के कई प्रयासों में नकली दाढ़ी-टोपी लगाकर उनको मारने गया था. इसी तरह संघी आतंकवादियों ने मालेगांव कब्रिस्तान में आतंकी हमले को नक़ली दाढ़ी-टोपी लगाकर अंजाम दिया था, जिसका जिक्र एटीएस की चार्जशीट में भी है. इसी तरह बीजापुर कर्नाटक में भी आरएसएस के लोग मुस्लिम बहुल इलाकों में स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर चोरी-छिपे पाकिस्तान का झंडा फहराते हुए पकड़े जा चुके हैं. ठीक इसी तरह मेरठ में गणतंत्र दिवस को काला दिवस बताते हुए हिंदू महासभा के लोगों ने राष्ट्रध्वज को जलाया, लेकिन उनके खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो साबित करता है कि सपा सरकार भी इस राष्ट्र-विरोधी कृत्य में संघ परिवार की विचारधारा से प्रेरणा प्राप्त कर रही है.

बैठक में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, शकील कुरैशी, जैद अहमद फारुकी, फ़रीद खान, लक्ष्मण प्रसाद, विनोद यादव, संतोष यादव, अनिल यादव, शाहनवाज़ आलम, राजीव यादव आदि शामिल हुए.