Home India News ज़रुरत है पटना यूनिवर्सिटी के आंदोलनरत छात्रों पर भी नज़र डालने की

ज़रुरत है पटना यूनिवर्सिटी के आंदोलनरत छात्रों पर भी नज़र डालने की

TwoCircles.net Staff Reporter

पटना: देश के कई विश्वविद्यालयों में हो रहे विवाद की आग अभी तक शांत नहीं हुई है. बिहार के पटना विश्वविद्यालय में कई दिनों से प्रिंसिपल के निलंबन की मांग लेकर धरने बैठे छात्रों पर कुलपति के निजी सुरक्षा गार्ड द्वारा फायरिंग करने का मामला सामने आया है. मामले के नेपथ्य में कला महाविद्यालय के प्रिंसिपल चंद्रभूषण श्रीवास्तव का नाम आ रहा है, जिन्हें छात्र अयोग्य घोषित कर रहे हैं.

पटना यूनिवर्सिटी

आंदोलनकारी छात्र

पटना के कला महाविद्यालय के आठ छात्रों को प्राचार्य की सिफारिश पर कुलपति ने निलम्बित कर दिया था. इसके विरोध में छात्र महविद्यालय परिसर में पिछले 15 दिनों से अनशन पर बैठे हुए हैं. इसी मामले में ACSF और AISA के छात्र संगठनों से जुड़े छात्र कुलपति आवास के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे.

तभी अचानक कुलपति के निजी गार्ड ने दौड़ते हुए अपनी पिस्टल से तीन राउंड फायर किए. इस दौरान उक्त गार्ड इन छात्रों को माँ-बहन की भद्दी गालियां देते हुए भी देखा गया है. इसकी पुष्टि एक वीडियो से हुई है, जिसे वहीं मौजूद एक शख्स ने अपने मोबाइल फोन से उतारा था. जानकारी के मुताबिक फायरिंग के बाद छात्रों पर लाठियां भी बरसायी गयीं. इस घटना को कवर कर रहे कई मीडियाकर्मियों पर भी लाठियां भांजी गयीं, जिससे कई पत्रकार भी घायल हो गये.

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फायरिंग का आरोपी गार्ड

मामला प्रकाश में तब आया जब 21 अप्रैल की सुबह कॉलेज के हॉस्टल में काम करने वाला मुंशी, हॉस्टल के मोटर से वेंडिंग मशीन का तार जोड़ रहा था. हॉस्टल की वायरिंग और मोटर की खस्ता हालत के चलते हॉस्टल के कुछ छात्रों ने मुंशी को इसके लिए मना किया. इसके बाद मुंशी ने कॉलेज में काम करने वाले ठेकेदार अंशु को फ़ोन लगा दिया. अंशु ने प्रिंसिपल चंद्रभूषण से मुलाकात की और प्रिंसिपल ने अंशु का समर्थन किया, जिसके बाद अंशु ने विशेन्द्र नाम के एक छात्र की जमकर पिटाई कर दी और बाकि छात्रों को भी धमकी दी.

प्रिंसिपल से इसकी शिकायत करने पर उन्होंने इस घटना पर कार्रवाई करने से साफ़ इनकार कर दिया और छात्रों से लिखित सबूत की मांग की. छात्रों द्वारा ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने के बाद भी प्रिंसिपल ने ठेकेदार का ही साथ दिया, इन सबके बाद जब छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया उसी बीच 8 छात्रों को यह कहते हुए निलंबन का नोटिस पकड़ा दिया गया कि छात्रों ने प्रिंसिपल से जबरदस्ती की है.

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छात्रों का कहना है कि हॉस्टल की स्थिति भी बहुत ख़राब है, मगर हॉस्टल की शिकायत किससे करें समझ में नहीं आता. हॉस्टल इंचार्ज से कहने पर उनका कहना होता है कि मेरा काम बात आगे बढ़ाना है जो मैंने कर दिया है. छात्र कहते हैं कि प्रिंसिपल के पास जाओ तो उनका कहना होता है कि हॉस्टल इंचार्ज के पास जाओ.

फायरिंग की घटना के बाद पटना में दहशत का माहौल बना हुआ है. पुलिस ने भी फायरिंग की बात स्वीकार की है.पटना यूनिवर्सिटी में घटी इस घटना की नाकाफी मीडिया कवरेज देखने को मिल रही है.