शादी-ब्याह तो दूर, जनाज़े में भी कोई नहीं बुलाता -शोऐब जागीरदार

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net

नई दिल्ली : ‘भले ही बरी हुए दो साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन आज भी लोग मुझसे मिलने-जुलने में घबराते हैं. कोई अपने घर शादी-ब्याह में भी नहीं बुलाता.’


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ये दर्द है महाराष्ट्र के जालना ज़िले में रहने वाले शोएेब जागीरदार का. जागीरदार को 2007 में जालना से मक्का मस्जिद विस्फोट केस में गिरफ्तार किया गया था. पूरे सात जेल में रहने के बाद जागीरदार जुलाई, 2014 में अदालत द्वारा बाइज़्ज़त बरी हुए.

जागीरदार का दर्द यहीं ख़त्म नहीं होता. वो आगे बताते हैं कि – ‘शादी-ब्याह तो दूर, किसी के यहां मौत भी हो जाए तो लोग इत्तेला देना भी गवारा नहीं करते. लोगों की ख्वाहिश यही होती है कि मैं किसी के जनाज़े में शामिल न रहूँ.’

इसकी वज़ह पूछने पर वो बताते हैं कि – ‘जब कोई मुझसे बात करता है या मिलता-जुलता है तो पुलिस व इंटेलीजेंस के लोग उस शख़्स से पूछताछ शुरू कर देते हैं. उनसे पूछा जाता है कि जागीरदार से तुम्हारा क्या ताल्लुकात है? तो स्वाभाविक है कि लोगों के दिलों में ख़ौफ़ आएगा ही.’

यही ख़ौफ़ जागीरदार के दिल में भी है. वो कहते हैं कि – ‘यह खौफ़ हमेशा दिल में रहता है कि कहीं कोई फिर से मुझे ‘अगवा’ न कर ले.’

वो कहते हैं कि – ‘पुलिस व इंटेलीजेंस का क्या भरोसा? इन्हें तो खुली छूट मिली हुई है.’

बताते चलें कि मक्का मस्जिद विस्फोट केस में 26 मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन अदालत ने निर्दोष पाकर सबको बरी कर दिया. इस केस में हिन्दू चरमपंथी तत्वों के लिप्त होने का पहला संकेत नवंबर 2008 में उस समय मिला जब महाराष्ट्र पुलिस ने मालेगांव में विस्फोट के सिलसिले में ‘अभिनव भारत’ नाम के संगठन की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार किया और उनसे पूछ ताछ में यह बात सामने आई कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता सुनील जोशी मक्का मस्जिद में बम रखने वालों में शामिल थे.

लेकिन हैदराबाद पुलिस या सीबीआई ने उसे ज़्यादा गंभीरता से नहीं लिया. मामला ने उस समय तूल पकड़ा जब अप्रैल 2010 में राजस्थान की पुलिस ने अजमेर की दरगाह में विस्फोट के सिलसिले में संघ से संबंध रखने वाले दो लोगों देवेंद्र गुप्ता और लोकेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें पकड़कर हैदराबाद लाया गया जहाँ वो अब तक जेल में है. इसके बाद की छान बीन के नतीजे में सीबीआई ने कई और कथित चरमपंथियों को गिरफ्तार किया जिनमें स्वामी असीमानंद, मुकेश वासनी, समुद्र चौधरी उर्फ़ राजिंदर, मुकेश वासानी, कमल चौहान, चंद्रशेखर लेवे शामिल हैं.

TwoCircles.net ने उनसे बातचीत की. इस बातचीत के प्रमुख अंश को आप वीडियो की शक्ल में नीचे देख सकते हैं :

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