महाराष्ट्र में बायकॉट ‘एबीपी माझा’ कैम्पेन

TwoCircles.net Staff Reporter

पुणे : रविवार का दिन ABP न्यूज़ के लिए त्रासदी वाला रहा, जब सोशल मीडिया पर ABP ग्रुप के मराठी चैनल ‘ABP माझा’ के विरोध में लोगों का गुस्सा उबल पड़ा.


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चैनल के विरोध में रविवार को सोशल मीडिया पर शाम 6 से रात 9 बजे तक #Bjpmajha नामक कैम्पेन चलाया गया. इस कैम्पेन को चलाने वाले यह दावा करते हैं कि क़रीब 20 हज़ार लोगों नें इसमें हिस्सा लिया. यही कारण है कि शाम 7 बजे पुणे और 8 बजे मुंबई में #Bjpmajha ट्वीटर ट्रेंड में एक नंबर पर रहा.

#Bjpmajha नामक हैशटैग से चलाये गये इस कैम्पेन का उद्देश्य था कि चैनल का बायकॉट किया जाए. चैनल पर यह आरोप है कि केवल सत्तापक्ष की भाषा बोलता है. मूल मुद्दों को नज़रअंदाज़ कर सुत्रों के हवाले से समाचार देता है. साथ ही चैनल व उसके वेबसाईट पर अश्लीलता फैलाने वाली सामग्री प्रकाशित की जाती है. इसके कई आरोप इस कैम्पेन के दरम्यान लगाए गएं.

इस कैम्पेन को लीड करने वाले मोहसीन शेख़ का कहना है कि, ‘देश की तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया ख़ास तौर पर ये चैनल सामान्य लोगों में अपना विश्वास खो चुका है. अगर मीडिया ने आम लोगों के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया तो अब से आगे ऐसे कैम्पेन पूरे देश में चलने शुरू हो जाएंगे.’

बताते चलें कि पिछले महीने महाराष्ट्र विधानभवन परिसर में रामेश्वर भुसारे नामक किसान को पुलिस द्वारा बुरी तरह से पीटा गया. औरंगाबाद ज़िले के इस किसान का दोष इतना था कि बेमौसम बारिश में इसकी लाखों की फ़सल बर्बाद हो गई थी. अब वो अपने फ़सल बीमा की राशि के लिए लगातार सरकारी दफ़्तरों के चक्कर लगाता रहा. जब सरकारी बाबुओं ने उसकी एक न सुनी तब वो अपने फ़सल राशि की मांग को लेकर सीधे मंत्रालय पहुंच गया. वहां किसान भुसारे को न सिर्फ़ पुलिस ने रोका, बल्कि उसकी बेरहमी से पिटाई की गई. 

‘ABP माझा’ पर आरोप है कि इस चैनल ने इस घटना से जुड़े पूरी कहानी को न सिर्फ़ तोड़-मरोड़ कर दिखाया बल्कि राज्य सरकार की छवी को बेदाग़ बताते हुए किसान भुसारे को ही आरोपी बना दिया. चैनल के इस रवैये को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है.

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