तो क्या अब योगी खोलेंगे देवबंद में आधुनिक स्लाटर हाउस या ख़बर है फ़र्ज़ी?

आस मोहम्मद कैफ़, TwoCircles.net

देवबन्द : ‘तरक़्क़ी को चाहिए नया नज़रिया’ स्लोगन वाले दैनिक हिन्दुस्तान के दो अप्रैल के अंक में पेज -8 पर ‘पीपी मॉडल पर बनेगा आधुनिक स्लॉटर हाउस’ शीर्षक एक ख़बर प्रकाशित की गई है. इस ख़बर के शुरूआत में ही यह बताया गया है कि, ‘नगर पालिका द्वारा संचालित स्लाटर हाउस बंद होने के बाद अब नगर में पीपी मॉडल पर आधारित करोड़ों रूपये की लागत से आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्लाटर हाउस का निर्माण किया जाएगा…’


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इस ख़बर में यह भी बताया गया है कि, ‘शनिवार को जमीयत उल कुरैश के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी सिराजुद्दीन कुरैशी के आह्वान पर पिछले आठ दिनों से चल रहा धरना प्रदर्शन संपन्न हो गया. जिसके चलते अब नगर में चार करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से पीपी मॉडल के चलते अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्लाटर हाउस का निर्माण किया जाएगा.’

यह ख़बर सहारनपुर संस्करण में प्रकाशित हुआ है. हालांकि इस ख़बर को अन्य स्थानीय अख़बारों ने भी काफी प्रमुखता के साथ छापा है. बल्कि कुछ स्थानीय अख़बार तो यहां तक लिख रहे हैं कि ‘देवबन्द में 4 करोड़ 30 लाख की लागत से नए स्लाटर हाउस की मंजूरी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमीयत उल क़ुरैश के प्रतिनिधिमंडल के सामने दी है.’

मगर TwoCircles.net ने जब ख़बर की पड़ताल की तो कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर सका.

सहारनपुर के ज़िला अधिकारी शफ़क़त कमाल का स्पष्ट तौर कहना है कि, ‘इस तरह के आदेश की कोई जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इसकी पुष्टि नहीं की गई है.’

यहां के चेयरमैन-पति व पूर्व विद्यायक माविया अली के मुताबिक़ उन्होंने नए स्लाटर हाउस नहीं, बल्कि बन्द पड़े पुराने स्लाटर हाउस को वैध करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुहार लगाई थी. अब ये आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्लाटर हाउस खुलने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

वहीं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रहे इनाम कुरैशी कहते हैं, ‘यह बात मैंने भी सुनी है कि नए सीएम ने यहां पीपी मॉडल का स्लाटर हाउस बनने की अनुमति दी है. ऐसा नेता लोग बता रहे हैं. मगर जब तक लिखित आदेश ना हो तो ये बात हवा में ही है.’

तस्लीम कुरैशी भी हंसते हुए कहते हैं कि, ‘आजकल देवबंद में सिर्फ़ हवा में बातें हो रही हैं. पहले  यहां की हवा में इस बात की चर्चा रही कि मुस्लिम औरतों ने भाजपा को वोट दिया है. फिर हवा में ही देवबंद का नाम बदल गया. और अब हवा में ही स्लाटर हाउस की मंजूरी भी मिल गई है और तो और  सीएम से मुलाक़ात के बाद यहां मिठाई भी बंट चुकी है.’

सामाजिक गतिविधियों से जुड़े नौजवान शनव्वर कुरैशी कहते हैं, ‘यहां सैकड़ों साल पुराना एक स्लाटर हाउस 2005 से बंद पड़ा है. पड़ोस के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत कर दी थी, हालांकि शिकायत करने वाले भी मुसलमान ही हैं. हैरानी की बात यह है कि पिछले 12 सालों में न तो गोश्त व्यापारियों और न ही पूर्व के चेयरमैन ने इसे वैध रूप से खुलवाने में कोई रूचि ली.’

स्पष्ट रहे कि देवबंद में अब गोश्त की बिक्री पूरी तरह बंद है, जबकि यहां 57 दुकानें वैध हैं. दुकानों का लाइसेंस नगर पालिका जारी करती है और 70 साल से यहां सिर्फ़ मुसलमान चेयरमैन बनता है. लेकिन कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

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