TwoCircles.net Staff Reporter
बूंदी : राजस्थान के बूंदी शहर में मीरा साहब की पहाड़ी से मशहूर टाइगर हिल टॉप व्यू प्वाईंट पर बाबा मीरा साहब के दरगाह परिसर में मूर्ति रखकर अवैध मंदिर निर्माण कराने का मामला सामने आया है.
इस मामले को लेकर शनिवार को शहर के स्थानीय लोगों ने इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. इस विरोध-प्रदर्शन शामिल कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लोगों पर दौड़ा-दौड़ाकर लाठी बरसाई. वहीं इस मामले में 24 लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया. साथ ही अगले 14 मई तक धारा —144 लागू कर दी गई है.
इस धरना-प्रदर्शन में शामिल रहे वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रदेश सचिव सैफ़ुल्लाह बताते हैं कि ये मूर्ति शुक्रवार को खुद वन विभाग के लोगों ने प्रशासन की मिली भगत से लगाया. उन्हें जब इसकी जानकारी मिली तो कोटा से वेलफेयर पार्टी का एक प्रतिनिधी मंडल बूंदी पहुंचा, जहां स्थानीय लोग पहले से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे.
सैफ़ुल्लाह का कहना है कि बाबा मीरा साहब की पहाड़ी पर सदियों से सभी समाज के लोग आते रहे हैं और सांप्रदायिक सौहार्द्र का नमूना पेश करते रहे हैं. लेकिन अचानक से कुछ सांप्रदायिक लोग प्रशासन की मिली-भगत से माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं.
बताते चलें कि इस मामले में बवाल मचते ही एसडीएम दिवांशु शर्मा और डीएसपी समदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रशासनिक दल पहाड़ी पर पहुंच कर उस इलाक़े को अपनी सुरक्षा में लेते फॉरेस्ट पुलिस जवान तैनात कर दिया. वहीं ज़िला कलेक्टर ने इस मामले को लेकर दस लोगों की एक शांति समिति गठित की है, जिसमें चार-चार लोग हिन्दू-मुस्लिम समुदाय से और दो लोग पुरातत्व विभाग से शामिल हैं. ये शांति समिति ही अगले दस दिनों के भीतर इस तथ्य की जांचकर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आख़िरकार मूर्ति वहां थी या नहीं थी.
यहां यह भी स्पष्ट रहे कि स्थानीय मीडिया में प्रकाशित ख़बर के अनुसार वन विभाग का स्पष्ट तौर पर कहना है कि यहां एक मंदिर और एक अन्य स्ट्रक्चर के सरंक्षण का काम चल रहा है. इसलिए कुछ नया लगाया गया और पुराना हटाया गया है. बल्कि यूं कहिए कि बेतरतीब पड़ी प्रतिमाओं का शिलाखंड अपनी जगह स्थापित किया गया है.
शनिवार को धरना-प्रदर्शन में शामिल रहे वेलफेयर पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद खालिद का कहना है कि, ये सबकुछ एक साज़िश के तहत किया जा रहा है. अवैध निर्माण को तुरंत प्रभाव से ध्वस्त किया जाना चाहिए और अतिक्रमण करवाने वाले वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करनी चाहिए.
आगे उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि सदियों से बाबा मीरा साहब की पहाड़ी पर कोई भी अन्य धार्मिक स्थल नहीं है, फिर अचानक से वहां मूर्ति रखकर माहौल ख़राब करने की कोशिश की जा रही है. और यह सब वन विभाग व प्रशासन के शह पर किया जा रहा है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
यहां के स्थानीय लोगों का भी कहना है कि यह सबकुछ कुछ हिन्दुत्व संगठन के इशारे पर किया जा रहा है. और दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इसमें वन विभाग, प्रशासन व सरकार के लोग शामिल हैं.
स्पष्ट रहे कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों अपने चौथे बजट में बूंदी ज़िले के इसी बाबा मीरा साहब की दरगाह पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की बात कही थी.
स्थानीय मीडिया के रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ये इलाक़ा टाइगर हिल वाइल्ड लाइफ़ टेरेटरी में शामिल है और रामगढ़ अभयारण्य का हिस्सा है. उस पर बने सभी मॉन्युमेंट्स फॉरेस्ट विभाग के हैं. राजे-रजवाड़ों के ज़माने से यहां टाइगर व्यू पाइंट बना हुआ है, जहां से टाइगर का दीदार किया जाता था. वहां से बूंदी शहर का व्यू भी बड़ा खूबसूरत दिखता है. वन विभाग इसी क्षतिग्रस्त हो रहे व्यू प्वाइंट और अन्य मॉन्युमेंट्स के संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है. इस कार्य के लिए 35 लाख रुपए का बजट रखा गया है, जिसमें से अब तक 32 लाख रुपए का काम हो चुका है.
लेकिन स्थानीय लोगों व जानकारों की माने तो इस पहाड़ी पर बाबा मीरा साहब का प्रसिद्ध दरगाह है, जहां देश-दुनिया से हर समुदाय के लोग आते हैं. साथ ही ईदगाह भी है. ईद-बक़रीद की नमाज़ यहीं होती है और इन मौक़ों पर लगने का ईद-मेला पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है.