‘मुंबई में मुझे फ्लैट किराए पर देने से इसलिए मना कर दिया गया, क्योंकि मैं मुसलमान हूं’

आस मुहम्मद कैफ़, Twocircles.net

मुम्बई/सहारनपुर : ‘आप क्या करेंगे? अगर आपको कहा जाए कि आपको किराए पर मकान इसलिए नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आप ‘फ़लां धर्म’ से ताल्लुक़ रखते हैं. आप शायद आगे बढ़ जाएंगे, क्योंकि आप इस सच को नहीं बदल सकते कि आप वाक़ई ‘फ़लां धर्म’ से ताल्लुक़ रखते हैं.’


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ये दर्द है बॉलिवुड में अपनी क़ाबिलयत का डंका बजा चुके अभिनेता इनामुल हक़ का, जो आज से डेढ़ दशक पहले सहारनपुर से अपनी अंदर की आवाज़ पर मुम्बई चले गए हैं. इन्होंने झुग्गी-बस्ती में रहकर कई हिट फिल्मों में काम किया. अब वो चाहते है कि मुम्बई वेस्ट में एक फ्लैट किराया पर लेकर अपनी बीवी-बच्चों को अपने साथ रखें, लेकिन मुंबई इन्हें फ्लैट किराए पर देने से मना कर दिया गया, क्योंकि ये मुसलमान हैं.

TwoCircles.net ने बॉलीवुड अभिनेता इनामुल हक़ से उनका दर्द सुनना चाहा तो उन्होंने कलेजा खोलकर रख दिया. इनामुल हक़ कहते हैं, क़रीब 15 साल बाद अब मुम्बई के झुग्गी से निकलकर अब मुम्बई वेस्ट के अच्छे इलाक़े में रहने की सोच रहा था. मगर जहां जाता हूं, तरह-तरह के बहाने बनाए जाते हैं. यह सब मेरा नाम सुनकर होता है —इनामुल हक़.

वो आगे बताते हैं कि, दरअसल मेरी पत्नी अब अपने बच्चे की परवरिश कुछ पढ़े-लिखे लोगों के बीच रहकर करना चाहती है, लेकिन वो सचमुच नहीं जानती कि कुछ पढ़े-लिखे लोग वास्तव में ऐसे होते हैं.

बताते चलें कि इनामुल हक़ ने इस संबंध में 10 जून को मुंबई के वर्सोवा पुलिस स्टेशन में एक शिकायत भी दर्ज कराई है. शिकायत की कॉपी TwoCircles.net के पास मौजूद है.

इनामुल हक़ के मुताबिक़, बीवी-बच्चे सहारनपुर हैं और वो चाहते हैं कि उनके आने से पहले सब इंतज़ाम हो जाए. बताते चलें कि इनामुल हक़ सहारनपुर के एक बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए हैं.

वो बताते हैं, बीवी-बच्चों को ‘शिफ्टिंगकी भयानकता से दूर रखने के लिए मुझे लगा कि उनके आने से पहले घरजमालिया जाए ताकि आने के अगले दिन से बच्चा अपने स्कूल जा सके और बीवी अपनी ज़िन्दगी वहीं से शुरू करे जहाँ से वो छोड़ कर गई थी. हम ख़ुद दुसरे शहर में अपने काम केहेक्टिकशेडयूलसे जैसेतैसे समय निकाल कर मुंबई आते हैं और मकान ढूंढना शुरू करते हैं

इनामुल हक़ का कहना है, मुम्बई में मकान ढूंढने के लिए यहां एक्टर से ज्यादा ब्रोकर हैं. लेकिन वो पहले धर्म पूछते हैं फिर दूसरी चीज़ें. कभीकभी आप खुश हो सकते हैं कि आपको मकान मिल गया है. मकान मालकिन भी खुश है कि थोड़ा ज्यादा किराया मिल रहा है. अब आपके कागज़ात पर मुहर लग जाएगी और आप अगले कुछ साल के लिए आप एक सिर-दर्दी से मुक्त हो जाएंगे. लेकिन तब आप क्या करेंगे? अगर सोसाइटी आपको कुछ भी उल्टासीधा कारण बताकर मिलने से मना कर दे कि आज नहीं, मीटिंग अगलेसंडेहोगी.

वो आगे कहते हैं कि, आप बात बिगाड़ना नहीं चाहते और ‘‘सिर्फ़ एक हफ्ते की ही तो बात हैसोचकर वापस जाते हैं और समय का सदुपयोग करने के लिए या फिर अपने मौजूदा घर को ख़ाली करने के प्रेशर में आपसंडेआने तक के वक़्त का इस्तेमाल अपने सामान की पैकिंग करने में करते हैं. फिर संडे आता है और आपको ये कहकर इन्कार कर दिया जाता है कि हम आपको घर नहीं दे सकते और वजह शेक्सपियर साहब हैं क्योंकि उन्होंने ही कहा था नाम में क्या रखा है.

इनामुल हक़ बताते है एक मकान मालकिन राज़ी हो गई थी, मगर सोसायटी वालों ने उससे बात कर मना करा दिया. अब आप इस तकलीफ़ को महसूस कीजिए जब मेरे सारे शुभचिंतक, रिश्तेदार, दोस्त सबक़ देंगे —“तुझे पहले ही कहा था खुद का मकान ख़रीदने की सोच.

मगर इनामुल हक़ झुकने के लिए तैयार नहीं हैं. वो कहते हैं, समाज के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी है और हम लड़ेंगे. क्योंकि छोटे शहरों के बड़े अहातों के पौधों को छोड़कर हम सिर्फ़ इसलिए आते हैं, ताकि अपने सपनों को पानी दे सकें. पौधों को पानी देने से पेड़ बनते हैं, सपनो को पानी देने सेहाईली पेड़.  हमारे सपने पलते हैं महानगरों के हवा में लटकते इन दरबों मेंजिनकी छतें, ऊपर वालों के लिए फ़र्श होती है और फ़र्श, नीचे वालों की छतें. तीन दीवारें आजूबाजु वालों की. अपनी होती है तो बस सामने वाली एक बड़ी सी खिड़की जिसमें से अपने से हिस्से के थोड़े से आसमान के अलावा रोज़ सिर्फ़ एक ही नज़ारा दिखता है. आपकी पसंद ना पसंद को ठेंगा सा दिखता हुआ. और विडंबना ये है किहाईलीपेड़हो जाने के बाद, इन दरबों में बैठेबैठे हम एक दुसरे सपने को पानी देने लगते हैं. और वो सपना होता है छोटे शहर के बड़े अहाते के पौधों को पानी देने का सपना. लेकिन मैं अपने सपनों को कुचलने नहीं दूंगा जो अब सच होने की और है. बस उनको इतना कहना चाहता हूं कि नज़र मिलाने का स्कोप बचाकर रखिएगा.

बताते चलें कि इनामुल हक़ बॉलीवुड के पहले शख्स नहीं हैं, जिनके साथ ये वाक़्या पेश आया हो. इससे पहले फ़िल्म अभिनेता इमरान हाशमी, शबाना आज़मी, सैफ़ अली खान, ज़ीनत अमान और एजाज़ खान जैसे कई बॉलीबुड कलाकारों को मुंबई में घर नहीं मिला था. इन सबने भी आरोप लगाया था कि उन्हें मुसलमान होने की वजह से फ्लैट नहीं दिया गया.

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