खाप पंचायत हुए निष्क्रिय, क्योंकि अब भाजपा नेता हैं सक्रिय!

फ़हमिना हुसैन, TwoCircles.net

लड़कियों के पहनावे या उनके जीने के तरीक़ों को लेकर अब तक विभिन्न खाप पंचायतों के तुग़लकी फ़रमान सामने आते रहे हैं, लेकिन अब सरकार व भाजपा नेताओं के भी फ़रमान सुनने व देखने को मिलने लगा है.


Support TwoCircles

ताज़ा फ़रमान यूपी में छात्राओं को मोबाइल से दूर रखने, स्कूल में मोबाइल लाने और मुंह पर नक़ाब बांधने को लेकर है. यह फ़रमान अलीगढ़ के भाजपा विधायक संजीव राजा और मेयर शकुंतला भारती की ओर से उदय सिंह इण्टर कॉलेज में एक नव-निर्माणित गेट के उद्घाटन कार्यक्रम में जारी किया गया है. 

अलीगढ़ के एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दोनों ने कहा कि यह बिल्कुल बंद होना चाहिए. मेयर का कहना है कि मोबाइल की वजह से अलीगढ़ की युवतियां घर छोड़कर ग़लत हाथों में चली गई हैं. वहीं विधायक का कहना है कि छात्राएं मुंह पर नक़ाब बांधकर बातचीत करते हुए सड़क पर निकलती हैं, जिसका दुष्परिणाम सामने आया है कि अलीगढ़ की युवतियां घर छोड़कर ग़लत हाथों में चली गई हैं.

भाजपा नेताओं के ज़रिए यह फ़रमान कोई नया नहीं है. इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का भी एक फ़रमान उत्तर प्रदेश के स्कूलों के लिए आ चुका है. इसमें टीचर क्या पहनें क्या नहीं, के साथ ही मोबाइल का कितना इस्तेमाल होगा, इस पर भी निर्देश दिए गए थे. इस फ़रमान के मुता​बिक़ टीचर अपनी मर्यादा को बनाए रखने के लिए जींस और टी-शर्ट जैसे कैजुअल ड्रेस नहीं पहनेंगे. यहां तक कि अध्यापकों को काली या नीली पैंट और सफ़ेद या हल्की नीली शर्ट पहनने की सलाह भी दी गई थी.

स्कूल कैंपस में मोबाइल का इस्तेमाल भी बेहद ज़रूरी होने पर ही किया जाएगा. महिलाएं व लड़कियां साड़ी में ही सरकारी दफ़्तरों में आएंगी. हालांकि महिला शिक्षकों के साड़ी पहनने वाला आदेश बाद में वापस ले लिया गया. इसकी एक अहम वजह उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (एफयूपीयूसीटीए) के ज़रिए शासन का कोई भी फ़रमान न मानने का पत्र जारी करना माना जाता है.

दरअसल, औरत या लड़कियां क्या पहनें? कैसी दिखें? किससे बात करें? यह सब एक तयशुदा पुरुषवादी व्यवस्था की मिसाल हैं. जब भी कोई महिला आत्मनिर्भरता के साथ ज़िन्दगी जीना चाहती है तो ये पुरुषवादी व्यवस्था के ताने-बाने महिलाओं के लिए नए नियम तैयार करने लगते हैं.  वैसे भी स्कूल परिसर में मोबाइल बैन करने की मांग कोई नई नहीं है. राज्य के कई स्कूलों ने अपने परिसर में छात्रों के मोबाइल इस्तेमाल पर रोक लगा रखा है. लेकिन भाजपा विधायक की ये सोच कि लड़कियों के मुंह ढ़कने और मोबाइल के इस्तेमाल की वजह से ग़लत हाथों में चली गई हैं, कई सवाल खड़े कर रहा है.

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE