6 जुलाई को मंदसौर से शुरू होगी किसान पद-यात्रा, 2 अक्टूबर को चम्पारण में होगा समापन

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net

नई दिल्ली: देश भर के किसानों के कर्ज़ा मुक्ति और समर्थन मूल्य को लेकर शुक्रवार को नई दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में देश भर के लगभग 150 छोड़े-बड़े किसान संगठनों ने  मिलकर आंदोलन करने का फैसला लिया है.


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इस अवसर पर एक समन्वय समिति का गठन किया गया जिसका नाम ‘अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति’ रखा गया है. समिति ने ये इस बैठक में यह फैसला लिया है कि आगामी 06 जुलाई को मंदसौर से किसान पद यात्रा निकाली जाएगी, जो देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए 02 अक्टूबर बिहार के चम्पारण ज़िले में समाप्त होगा.

इस अवसर पर महाराष्ट्र से हातकणंगले के सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि, मोदी जी ने समर्थन मूल्य को वायदा किया था वह अब तक पूरा नहीं किया. जब लोग सुप्रीम कोर्ट गए तब सरकार ने इनकार कर दिया. सरकार की मंशा ठीक नहीं है.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार बीएम सिंह ने कहा कि, देश के किसान हमारी ओर देख रहे हैं. देश के किसान संगठनों की एकता किसान चाहता है. हमें एक होना होगा. सभी  किसानों का पूरा कर्ज़ा माफ़ होना चाहिए.

अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव हन्नान मुल्ला ने कहा कि, हम युद्द के दौरान इकट्ठे हुए हैं. तूअर का समर्थन मूल्य जो तय किया उस पर खरीद नहीं की जा रही है. सभी पार्टियों को इन मुद्दों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

तमिलनाडू से आए कन्नू ने कहा कि, किसान को गुलाम माना जाता है. कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग बन जाता है, लेकिन किसान की न्यूनतम आय तक तय नहीं है. बीमा की इकाई किसान का खेत होना चाहिए.

मध्य प्रदेश किसान संघर्ष समिति के डॉ. सुनीलम ने कहा कि हमारा उद्देश्य वर्तमान किसान की लूट और अत्याचार पर आधारित व्यवस्था को बदलना है, क्योंकि यह व्यवस्था किसान, किसानी और गांव को नष्ट करना चाहती है.

स्वामी अग्निवेश ने करो या मरो की तर्ज पर आंदोलन चलाने की ज़रूरत बताई. उन्होंने कहा कि हमें आत्महत्या मुक्त भारत्त के निर्माण के लिए मिलकर काम करना है.

राजस्थान के रामपाल जाट ने कहा कि, देश के हर गांव को बंद कर किसानों को अपनी ताक़त दिखानी चाहिए.

इस बैठक में शामिल किसानों संगठनों ने समर्थन मूल्य तय करते समय कुशल मज़दूर का रेट की दर पर मज़दूरी लगाने, आत्महत्या करने वाले परिवार को 10 लाख रुपए, किसान शहीद परिवारों को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने के मुद्दों को आंदोलन में जोड़ने का सुझाव दिया. 

नई गठित ‘अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति’ के कार्य संचालन के लिए 10 सदस्यों की समिति का गठन किया गया, जिसमें बीएम सिंह, राजू शेट्टी, अइय्या कन्नू, हन्नान मुल्ला, योगेंद्र यादव, रामपाल जाट, डॉ सुनीलम, चन्द्रशेखर, कविता कुरुनघंटी, डॉ. दर्शनपाल को शामिल किया गया है.

इस बैठक की शुरूआत मंदसौर में शहीद हुए किसानों को ऋद्धांजलि देकर हुई. सभी वक्ताओं ने महेंद्र सिंह टिकैत, नंदुलस्वामी और शरद जोशी जैसे किसान नेताओं के योगदान को भी याद किया.

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