आकिल हुसैन।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का हैं जहां एक 55 साल के अधेड़ मुस्लिम की लिंचिंग का मामला सामने आया हैं। बताया जा रहा है कि पहले अधेड़ को बेरहमी से पीटा और फिर उसको एक जगह छोड़कर आरोपी भाग निकले। लोगों के द्वारा अधेड़ व्यक्ति को अस्पताल में इलाज़ के लिए भर्ती करवाया गया लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामले में लीपापोती करते हुए काफ़ी दबाव के बाद मामले को दर्ज करा हैं।
सुल्तानपुर जिले के नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के ईदगाह के पास घरहा खुर्द के रहने वाले 55 साल के खुर्शीद अहमद उर्फ पप्पू की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहतीं थीं। मंगलवार 22 जून को खुर्शीद शाम को अपने घर से निकले लेकिन देर रात तक घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनकी तलाश करना शुरू करी, बुधवार को दोपहर परिजनों को सूचना मिली कि खुर्शीद अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं तो परिजन अस्पताल पहुंचे तो देखा कि खुर्शीद के शरीर पर गहरी और गंभीर चोटों के निशान हैं। अगले दिन गुरुवार को सुबह अस्पताल में खुर्शीद की मृत्यु हो गई।
इस दौरान मामला सामने आया कि पीडब्ल्यूडी के रहने वाले हिंमाशु पांडेय और शिवम् पांडे ने खुर्शीद अहमद की पिटाई की थी। सुल्तानपुर के एक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता Two circles.net से बात करते हुए बताते हैं कि पहले तो हिंमाशु और शिवम् ने खुर्शीद उर्फ पप्पू को उनके घर के पास ही स्थित महात्मा गांधी स्कूल के मैदान में बेरहमी से मारा और जब मन नहीं भरा तो पीडब्ल्यूडी के सूनसान इलाक़े में ले जाकर डंडो से मारा जिससे उनकी मृत्यु हो गई। पीडब्ल्यूडी इलाके में लोगों ने पाया कि एक व्यक्ति गंभीर हालत में पड़ा हैं जिसके बाद 108 एंबुलेंस द्वारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया
वे Two circles.net से बताते हैं कि गुरुवार सुबह को उनकी मृत्यु हुई और देर शाम तक उनको सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। एक स्थानीय के अनुसार जब मृतक खुर्शीद अहमद के भाई जहीर अहमद जब तहरीर लेकर थाने पहुंचे तो पहले एफआईआर दर्ज करने तक से मना कर दिया गया लेकिन जब मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो पुलिस पर दबाव बना और कई समाजिक संगठनों द्वारा करी गई मशक्कत के बाद पुलिस ने महज़ लीपा-पोती करने के लिए महज़ आरोपी हिमांशु पांडेय के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत केस दर्ज करा। हालांकि स्थानीय Two circles.net से बताते हैं कि इस घटना में दो लोग शामिल थे। आरोपी हिमांशु अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
मृतक खुर्शीद अहमद के घर के पास रहने वाले अब्दुल Two circles.net से बताते हैं कि खुर्शीद दिमागी रूप से थोड़ा ठीक नहीं थे। वे एकदम मलंग व्यक्ति थे, हमेशा मस्त रहते थे और दूसरों को हमेशा हंसाते रहते थे। वे बताते हैं कि उनकी अक्सर आदत थी घर से बिना बताएं एक-दो दिन के लिए कभी मज़ार पर चले जाते थे तो कभी कही। वे बताते हैं कि खुर्शीद पास ही के अस्पताल में पैदा हुए मुस्लिम बच्चों के कान में अज़ान देने का काम करते थे। अब्दुल बताते हैं कि वे मोहल्ले के छोटे-बड़े सभी बच्चों को लाड प्यार करते थे।
एक अन्य शख्स Two circles.net से बताते हैं कि खुर्शीद का कभी किसी से कुछ लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ ,वो तो हमेशा दूसरों को खुश रखता था। वे कहते हैं कि खुर्शीद को आरोपियों द्वारा बिना किसी के बात के पीटा और मारा गया था।
पुलिस ने पहले तो एफआईआर दर्ज करने से इंकार ही कर दिया लेकिन बाद में मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ महज़ धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया है जबकि केस दर्ज होना चाहिए धारा 302 के तहत क्योंकि मामला हत्या का हैं। एक स्थानीय व्यक्ति के अनुसार पुलिस आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी मे लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हैं ,पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में ले लीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि पीडब्ल्यूडी में जिस जगह मृतक खुर्शीद को बेहरमी से पीटा गया उसके आसपास महज़ चंद कदमों पर सुल्तानपुर जिले के बड़े अधिकारियों के आवास भी हैं। सवाल यह उठता है कि ऐसी जगह पर घटना होने के बाद 1 दिन तक पर्दे में थी और किसी को कुछ पता भी नहीं चल सका।