Twocircles.net Staff Reporter
पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां अपने वोटरों के लिए चांद-तारे तोड़ लाने का वादा नहीं कर सकेंगे क्योंकि चुनाव आयोग की नज़र इस बार हर राजनीतिक पार्टियों के मेनिफेस्टो पर रहेगी. इसके लिए चुनाव आयोग एक निगरानी टीम का भी गठन करेगी.
चुनाव आयोग ने 10-11 अगस्त को दिल्ली में आयोजित एक मीटिंग में बिहार के सभी निर्वाचन पदाधिकारियों को इसे लेकर सजग रहने को कहा है. उन्हें कहा गया है कि वे आदर्श चुनाव आचार संहिता में जोड़ी गई धारा-8 के अनुसार कार्य करें और उसका पूरा पालन करें. इस धारा में चुनाव पूर्व जारी किए जाने वाले मेनिफेस्टो का नियमन किया गया है.
चुनाव आयोग के मुताबिक अगर कोई राजनीतिक पार्टी लाभ उठाने के मक़सद से चुनाव की तारीख से पहले अपना मेनिफेस्टो जारी करता है तो उस पर भी आचार संहिता लागू होगी. आयोग उस पर भी कार्रवाई करने का अधिकार रखता है.
आयोग ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के आधार पर जारी किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया है कि वह चुनावी मेनिफेस्टो को आचार-संहिता के अंतर्गत लाकर उनका नियमन करे.
हालांकि ऐसा ही गाइडलाइन चुनाव आयोग ने फरवरी 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले भी जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि पार्टियां ऐसे वादे न करें, जिन्हें पूरा न किया जा सके. लेकिन इसके बावजूद पार्टियों ने अपने मेनिफेस्टो में जमकर ‘जुमलेबाजी’ की थी.