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Charlie sab the….
कौन रोएगा मेरे वास्ते
मैं कोई नहीं !
ख़ून ए नाहक़ पे मेरे
रहनुमाओं की ज़ुबानों पे
मुज़म्मत छोड़ो,
ताज़ियत का कोई जुमला भी नहीं आएगा!!
रंग यकसाँ था लहू का जो बहा “पेरिस” में
मुख्तलिफ़ है तो फ़क़त,
पैरहन ए जिल्द* मेरा
और अंदाज़ ए इबादत शायद,
मुसतहिक़ जो नहीं हरगिज़ किसी हमदर्दी का !!
सोगवारों की क़तार
और न आँसू कोई,
यह जो मंज़र है नया कोई नहीं है यारो,
“चार्ली” सब थे**
“ज़ेया”*** कोई नहीं है यारो !!
(डॉक्टर नदीम ज़फर जिलानी, मेनचेस्टर, इंग्लैंड)
* Skin cover (Colour)
** JeSuisCharlie
***Dheya (Zeya) Barkaat-Dental Student killed in Cold-blood