अफ़रोज़ आलम साहिल, टीसीएन हिन्दी के लिए,
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय ‘आतंकवाद’ से निबटने के लिए पिछले एक दशक के दौरान भारत ने कई देशों के साथ समझौते किए हैं. ऐसे ही समझौते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया विदेश यात्राओं के दौरान भी किए गए हैं. लेकिन भारत के गृह मंत्रालय के मुताबिक ऐसे कई समझौतों की फ़ाइलों को कभी खोलकर देखा तक नहीं गया और पिछले साल कई को नष्ट कर दिया गया.
गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक 11 जून 2014 को पारित सरकार के आदेश के तहत विभाग ने कुल 339 फ़ाइले नष्ट की और इन फाईलों को नष्ट करने से पूर्व डिजीटाईज या अर्काइव भी नहीं किया गया.
नष्ट की गई इन फ़ाइलों में कई भारत और अन्य देशों के बीच चरमपंथ से निबटने के लए हुए समझौतों से जुड़ी है.
आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक इन फ़ाइलों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कुछ अहम फ़ाईलें जो नष्ट कर दी गई-
· 25 मार्च, 2011 में भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य दल की फाईल
· भारत-साईप्रस के बीच 2005 में हुए आतंकवाद रोकने के लिए तैयार मसौदा
· 28-29 नवम्बर, 2007 को वाशिंगटन में भारत-अमेरिका के बीच हुए आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य दल के 9वीं बैठक की फाईल
· भारत-कज़ाकिस्तान के बीच 2005 में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त कार्य दल की फाईल
· भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 2005 में आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य दल की फाईल
· भारत और जर्मनी के बीच 2009 में संगठित अपराध को रोकने के लिए हुआ समझौता
· भारत और मालदीव के बीच 2007 में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, संगठित अपराध, तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और कोस्टल सिक्यूरिटी को लेकर तैयार मसौदा
· 2011 में भारत-इज़राईल के बीच आतंकवाद से जुड़े बैठक की फाईल
· आतंकवाद पर संयुक्त कार्य दल के काम व उनके सुधार के तरीकों पर विचार करने के लिए 2005 में हुए बैठक की फाईल
पिछले साल जुलाई महीने में मीडिया में आई ख़बरों के आधार पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सांसद पी. राजीव ने संसद में सवाल उठाया था कि भारत सरकार ने डेढ़ लाख फाइलें नष्ट की हैं, जिनमें महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी फाइलें भी हैं.
जिस पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा था –कार्यस्थल पर स्वच्छता एवं साफ सफाई बनाए रखने सहित कार्य संस्कृति एवं कार्य के परिवेश को बेहतर बनाने के लिए कुल 11,100 फाइलों को नष्ट किया गया, जिनमें गांधी की हत्या से जुड़ी कोई भी फाईल शामिल नहीं थी.