Home India News पूरनपुर : हिरासत में हुई मौत से भटका रही है पुलिस

पूरनपुर : हिरासत में हुई मौत से भटका रही है पुलिस

TwoCircles.net News Desk

पीलीभीत/लखनऊ : दो दन पूर्व उत्तर प्रदेश के ज़िला पीलीभीत के पूरनपुर कोतवाली में पुलिस कस्टडी में दो युवकों की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. रज़ागंज मुहल्ले के शकील और सद्दाम की पुलिस हिरासत में हुई इस मौत पर रिहाई मंच और एपीसीआर नामक संस्था ने आज घटना-स्थल का दौरा किया.

दौरे के बाद प्रथम दृष्टया शकील और सद्दाम की पूरनपुर कोतवाली में हिरासत के दौरान हुई मौत के लिए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए.

इस जांच दल ने कहा निर्दोषों को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारने या पूरनपुर कोतवाली में हिरासती मौत की घटना कोई नई घटना नहीं है. भारत नेपाल सीमा पर पुलिस की आपराधिक सांप्रदायिक भूमिका यहां पहले भी उजागर होती रही है.

रज़ागंज, पूरनपुर से लौटे जांच दल ने कहा कि सद्दाम और शकील की मृत्यु के समय को लेकर पुलिस, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उपजे अन्तर्विरोध पुलिस की भूमिका को और अधिक संदिग्ध बना देते हैं.

Puranpur

पीड़ितों के परिजनों के मुताबिक़ 30 मार्च की शाम को शकील और सद्दाम को उनके घरों से उठाया गया. जब शाम को ही सद्दाम की पत्नी सबीना कोतवाली गईं तो उनके पति को नहीं छोड़ा गया और उनसे 15 हज़ार रुपए की मांग की गई.

शकील के पिता शफ़ीक़ अहमद ने बताया कि सुबह तक़रीबन 9 बजे जब वे कोतवाली गए तो उनके बेटे को पुलिस वाले बेरहमी से पीट रहे थे.

जांच दल ने सवाल उठाया कि पुलिस अपने बचाव में जो तर्क दे रही है कि दोनों की मौत ज़हर से हुई वह पूरी तरह से बेबुनियाद है.

जांच दल ने कहा कि समय-समय पर तराई क्षेत्र में ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं. आम आदमी के साथ-साथ पत्रकार भी इस पुलिस उत्पीड़न के शिकार होते रहे हैं. निष्पक्ष विवेचना ही न्याय का आधार होती है, जो कि पुलिस की विवेचना से संभव नहीं है. ऐसे में राज्य से बाहर की एजेंसी सीबीआई से इस पूरी घटना की जांच कराई जाए.

जांच दल ने प्रदेश सरकार से मांग की कि शकील और सद्दाम के परिजनों को 25 लाख का मुआवज़ा व सरकारी नौकरी की गांरटी की जाए व दोषियों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

जांच दल ने प्रदेश सरकार से मांग की कि तराई क्षेत्र में होने वाली फर्जी मुठभेड़ों और हिरासती मौतों के लिए एक न्यायिक जांच आयोग बनाया जाए.

इस जांच दल में रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव, शकील कुरैशी, शरद जायसवाल एपीसीआर के मुशफ़िक़ रज़ा खां, मोहतशिम खां व भाकपा माले के देवाशीष राय व नरेश जायसवाल शामिल थे.