TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली: जेएनयू में कुछ हफ़्तों पहले हुए कथित रूप से राष्ट्रविरोधी और विवादित कार्यक्रम की जांच के लिए गठित की गयी समिति ने विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दस हज़ार रूपए का अर्थदण्ड लगाया. इसके साथ ही इस घटना में शामिल अन्य छात्रों उमर खालिद को एक सेमेस्टर के लिए और अनिर्बन भट्टाचार्य व मुजीब गट्टो को दो सेमेस्टर के लिए विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया है.
विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ने कहा है कि उमर खालिद, भट्टाचार्य व गट्टो को ‘अ कंट्री विदाउट अ पोस्ट ऑफिस’ नामक कविता पाठ के कार्यक्रम को आयोजित करने के बहाने विरोध-प्रदर्शन करने का दोषी पाया गया.
इसके साथ उमर खालिद पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और अनिर्बन भट्टाचार्य पर अगले पांच साल के लिए विश्वविद्यालय कैम्पस में घुसने पर पाबंदी लगा दी गयी है.
विश्वविद्यालय द्वारा गठित की गयी एक जांच समिति द्वारा अनुशासनहीनता का दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. इनके साथ-साथ कन्हैया और उनके साथियों के खिलाफ़ शिकायत करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नेता सौरभ शर्मा पर भी दस हज़ार रूपए का जुर्माना लगाया गया है.
उल्लेखनीय है कि जेएनयू में बीती 9 फरवरी को एक विवादित कार्यक्रम के दौरान लगे कथित राष्ट्रविरोधी नारों के मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद तथा अनिर्बन भट्टाचार्य पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि पुलिस के पास कन्हैया कुमार व अन्य छात्रों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, लेकिन वे उसे न्यायालय के समक्ष पेश करने में नाकाम साबित हुए थे, जिसके कारण कन्हैया, उमर और अनिर्बन को अदालत ने जमानत दे दी थी. छात्रों के निष्कासन का फैसला सोशल मीडिया पर आलोचना के घेरे आ चुका है. कई छात्र और एक्टिविस्ट इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आदेश पर किया गया फैसला बता रहे हैं.