सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
वाराणसी: आज कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी बनारस में रोड-शो करने जा रही हैं. बनारस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. सोनिया गांधी के इस रोड-शो का जो मक़सद बताया गया है वह ये कि कांग्रेस अध्यक्षा नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का हाल लेने आ रही हैं. लेकिन असल मकसद यह है कि सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल का बिगुल फूंकने आ रही हैं.
सोनिया गांधी का यह रोड-शो बनारस के पांच विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगा. और इस रोड-शो के मैप से साफ़ है कि कांग्रेस दलित-ब्राह्मण वोटों को साधने की फ़िराक में है.
बनारस के नगर केंद्र कचहरी पर मौजूद अम्बेडकर प्रतिमा से सोनिया गांधी अपने रोड-शो की शुरूआत करेंगी. इस रोड-शो का समापन बनारस के कैंट स्थित कमलापति त्रिपाठी की प्रतिमा पार जाकर होगा. कांग्रेस के दावे के दौरान इस रोड-शो दस लाख से ज़्यादा लोगों की भीड़ जुटने की उम्मीद है.
इस दौरान सोनिया गांधी बनारस के मुस्लिमबहुल क्षेत्रों से गुजरेंगी और उनकी कोशिश यह है कि वे सावन के महीने में श्रद्धालुओं की दिक्कत का सबब न बनें.
इस रोड-शो का मैप तैयार होने के बाद शहर में यह चर्चा आम है कि सोनिया गांधी जहां कांग्रेस के रेगुलर अल्पसंख्यक वोटों को रिझाने के प्रयास में हैं, वहीं कांग्रेस अध्यक्षा दलितों और सवर्णों को भी रिझाने के प्रयास में हैं.
कम से कम पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह बात तय मानी जा रही है कि कांग्रेस इस बार सवर्ण वोटों को भी साधने की तैयारी में है. कांग्रेस के अधिकतर और महत्त्वपूर्ण पदाधिकारी सवर्ण समुदायों से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन प्रदेश उपाध्यक्षों को देखने पर पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस हर तबके की ओर नज़र बनाए हुए है.
भाजपा की तर्ज पर सोनिया गांधी भी इस बार धर्मावलम्बियों, संतों और महंतों से मिलेंगी और मंदिरों के दर्शन करेंगी. यही नहीं, सोनिया गांधी के गंगा-पूजन और गंगा-आरती की भी योजना थी, लेकिन समय रहते पार्टी द्वारा इसे टाल दिया गया.