TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : नोटबंदी के हंगामे के बीच बिहार में बीजेपी द्वारा ज़मीन खरीद का मामला अब गर्माने लगा है. जनता दल (यू) के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह, नीरज कुमार एवं राजीव रंजन प्रसाद ने आज पटना में एक प्रेस वार्ता कर बीजेपी द्वारा बड़े पैमाने पर ज़मीन खरीद को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.
इन नेताओं ने इस प्रेस वार्ता में अपनी बातों को रखते हुए बीजेपी से यह सवाल किया कि –‘बिहार में भाजपा द्वारा ज़मीन खरीद के मामले में अनियमितता का आरोप लगने के बाद भाजपा विधानमंडल के नेता सुशील मोदी, मंगल पांडे, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने RTGS से भुगतान की बात कही थी और सुशील मोदी ने यह भी कहा था कि ज़मीन खरीद नगद भुगतान से नहीं किया जा सकता है, तो फिर अधोलिखित स्थानों पर भाजपा ने नगद ज़मीन की राशि क्यों अदा की? सवाल यह भी उठता है कि इतनी बड़ी रकम नगद में क्यों भुगतान की गई? पैसा कहां से आया और पैसे को किस प्रक्रिया के तहत जिलों में पहुंचाया गया?’
आगे इन नेताओं ने सवालों की बौछार करते हुए कहा कि क्या ज्ञान की शेखी बघारते हुए रोज़ मीडिया में दावा करने वाले भाजपा नेता जदयू के इन सवालों का जवाब देंगे? इन नेताओं द्वारा पूछे गए कुछ प्रमुख सवाल इस प्रकार हैं :
1. जब सुशील मोदी ने कहा कि ज़मीन की खरीद बिक्री नगद के माध्यम से नहीं हो सकता तो फिर उपर वर्णित जिलों में नगद राशि का भुगतान कर ज़मीन कैसे खरीदा गया?
2. नगद भुगतान का प्रमाण स्पष्ट है तो रुपये का स्त्रोत बतायें?
3. नगद भुगतान की प्रक्रिया अपनाये जाने का आरोप लगने के बावजूद पैसों का स्त्रोत नहीं बताया जाना क्या प्रथम दृष्टिया प्रमाणित नहीं करता है कि ज़मीन खरीदी में काले धन का इस्तेमाल हुआ है?
4. तमाम दस्तावेजों से भाजपा के क्रियाकलापों का खुलासा होता है, ऐसे में बड़ा सवाल कि बीजेपी का पाप छिपाने के लिए बिहार बीजेपी के नेता आखिर किसके दबाव में असत्य बोल रहे हैं?
साथ ही इन नेताओं ने यह भी मांग रखा कि भाजपा नेतागण ज़मीन खरीद के मामले में आरोप लगने के बाद सफाई देने के क्रम में असत्य बोलने के लिए बिहार की जनता से माफी मांगे और धन के संचरन के लिए राशि का ब्योरा एवं बैंक खाता को सार्वजनिक करें.