आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net
बिजनौर/मुज़फ्फरनगर : बिजनौर से 35 किलोमीटर दूर दिल्ली-पौड़ी राजमार्ग पर नजीबाबाद है. यहां से हरिद्वार की तरफ जाते हुए अंदर कस्बे में सुल्ताना डाकू का किला है. लगभग 100 एकड़ में फैला यह किला अक्सर चौंका देता है. इसकी कहानी अज़ीब स्थानीय लोग बताते हैं कि जब सुल्ताना डाकू ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दी थी तो सुल्ताना डाकू यहां आकर छिप जाता था. अंग्रेज अक्सर उसे यहां पकड़ने आते थे मगर सुल्ताना गायब हो जाता था. कई बार अंग्रेजों ने किले को चारों ओर से घेर लिया मगर सुल्ताना अंदर ही गायब हो गया. आज़ादी से दो दशक पहले सुल्ताना डाकू एक जननायक था, एक ऐसा जननायक जो एक अपराधी था, अंग्रेज़ पुलिस ने जिसपर भारत का तब तक का सबसे बड़ा इनाम घोषित किया था, फिर भी सुल्ताना डाकू लोगों के दिलों पर राज करता था.
सुल्ताना की पहचान भारत के सबसे बड़े डाकू की है. सुल्ताना डाकू अंग्रेजों और अमीरों को लूटता था और सबकुछ गरीबों में बांट देता था. नजीबाबाद के जिस किले में सुल्ताना रहता था, उसकी बनावट अज़ीब है. चारों तरफ चौड़ी और ऊंची दीवारे हैं. दीवारों की चौड़ाई चीन की दीवार से भी ज्यादा है और इन पर आसानी से गाड़ी दौड़ाई जा सकती है. मगर कोई एक कमरा नही है, ऐसी कोई जगह दिखाई नही देती, जहां सुल्ताना के सिर पर छत हो. चारों तरफ बड़ी दीवारें हैं और बीच में बस एक तालाब. लोग बताते हैं कि इस तालाब में रहस्य है. सुल्ताना इस तालाब में उतरता था और गायब हो जाता था. मगर यहां कोई सुरंग दिखाई नहीं देती.
1972 में सुल्ताना पर एक फिल्म बनी थी और वो सुपरहिट हुई थी. अब ऑस्कर पुरस्कार विजेता और ‘बैंडिट क्वीन’ जैसी फिल्म बनाने वाले अंतर्राष्ट्रीय फिल्मकार शेखर कपूर की कंपनी अब सुल्ताना डाकू पर बायोपिक बना रही है. फिल्म में सुल्ताना डाकू की भूमिका के लिए इस समय बॉलीवुड के जिंदाबाद अभिनेता नवाजुदीन सिद्दीक़ी का चयन हुआ है. अभी नवाजुदीन अपनी फिल्म ‘रईस’ के प्रोमोशन में व्यस्त हैं. समय मिलते ही वो नजीबाबाद आएंगे. एक और मजेदार बात फिल्म के निर्देशन से जुडी है. फिल्म को शेखर कपूर के प्रिय शिष्य हीराज़ मारफतिआ निर्देशित करेंगे. हीराज़ भी मुज़फ्फरनगर के रहने वाले हैं और नवाज़ुद्दीन तो मुज़फ्फरनगर के हैं ही.
फिल्म को लेकर यहां भारी उत्सुकता है. हीराज के मुताबिक शूटिंग हल्द्वानी नजीबाबाद सहित सुल्ताना के असल ठिकानों पर ही की जायेगी. यहां की जनता पलक पांवड़े बिछाकर इन्तजार कर रही है और उनके पास बताने के लिए बहुत कुछ है.
अपने अभिनय से जनता को अपना मुरीद बना चुके नवाजुद्दीन सिद्दीकी की इस फिल्म का नाम ‘द कन्फेशन ऑफ सुल्ताना डाकू’ बताया जा रहा है. ब्रिटिश प्रोडक्शन ने सुजीत सराफ की किताब से इस किरदार को लिया है. इस किताब में सुल्ताना डाकू के जीवन को दर्शाया गया है.
इस फिल्म और रोल के बारे में नवाज कहते हैं, ‘आज के बच्चों के पास कहानियों में सुपर हीरो होते हैं, मेरे बचपन में सुल्ताना डाकू ही सुपर हीरो की तरह था. मैंने अपने पापा द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियों के जरिए उन्हें जाना. गांव में सर्दियों की रात में जब मोमबत्ती और लालटेन की रोशनी में डकैत के डर से भरी कहानियां पापा सुनाते थे तो वह मेरे लिए सुपर हीरो की कहानियों की तरह ही होती थीं.’