TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में बड़वानी ज़िला के अरिहन्त होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज से दाढ़ी रखने की कारण एक छात्र को निकाले जाने की घटना सामने आई है.
छात्र मोहम्मद असद ख़ान का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन की ओर से दाढ़ी रखने के ‘जुर्म’ में उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा था. उन्हें इस बात की भी चेतावनी दी गई कि जब तक तुम दाढ़ी कटाकर नहीं आओगे तब तक कैंपस में तुम्हें आने की इजाज़त नहीं दी जाएगी.
जब असद ने कॉलेज के इन बातों को नहीं सुना तो उसके बाद कहा गया कि दाढ़ी की वजह से तुम परीक्षा फार्म नहीं भर पाओगे, इसलिए तुम हमारा कॉलेज छोड़ दो.
असद का आरोप है कि जब इन बातों से तंग आकर उन्होंने कॉलेज प्रशासन से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) की मांग की तो उसके टीसी में ऐसा लिख दिया गया, जिससे कि उसका दूसरे कॉलेज में दाख़िला न हो सके.
असद का यह भी आरोप है कि वो इस मामले को लेकर वो बड़वानी ज़िला कलेक्टर के पास गए. कलेक्टर ने उन्हें एसडीएम कार्यालय भेज दिया. अब वो लगातार दो महीनो से एसडीएम कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. कोई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. समाधान के नाम पर प्रशासन की तरफ़ से सिर्फ़ टाल-मटोल किया जाता रहा है. फिर उन्होंने तंग आकर बड़वानी कलेक्टर को 4 दिसंबर को एक और आवेदन सौंपा और इंसाफ़ की गुहार लगाई, पर यहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
इस पूरे मामले पर आज लखनऊ की सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसे मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार का असली चेहरा बताया है जो साफ़ करता है कि भाजपा सरकार किस तरह से मुसलमानों को प्रताड़ित करती है.
रिहाई मंच लखनऊ महासचिव शकील कुरैशी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि पिछले दिनों से कॉलेज के प्राचार्य द्वारा दादी रखने के नाम पर असद को प्रताड़ित किया जा रहा था और फिर उनकी कम अनुपस्थिति दिखाकर परीक्षा से वंचित कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ़ जेलों से निकालकर मुस्लिम नौजवानों की हत्या नहीं करवा रही है बल्कि शैक्षिक संस्थानों में अपने सांप्रदायिक ज़ेहनियत के लोगों को बैठा दिया है जो मुस्लिम नौजवानों का मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं.