सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
वाराणसी : बीते दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल करते हुए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अपने भाई रामगोपाल यादव को छः सालों के लिए पार्टी से ही निष्कासित कर दिया है.
इसके एक दिन पहले मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टियों के प्रत्याशियों की सूची जारी की थी.
लेकिन बड़ी खबर यह है कि समाजवादी पार्टी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर न मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी की गयी प्रत्याशियों की सूची के बारे में कोई खबर है, ना ही रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव के निलंबन की कोई सूचना मौजूद है.
बीते चौबीस घंटों में समाजवादी पार्टी के फेसबुक पेज ने दो पत्र शेयर किए हैं. और यह दोनों ही पत्र पार्टी से निलंबित राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के हैं.
पहले पत्र में डा. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में 1 जनवरी को रामगोपाल यादव द्वारा बुलाई गयी आपातकालीन बैठक का ज़िक्र है, जबकि दूसरे पत्र में आपातकालीन बैठक का स्थान परिवर्तन कर जनेश्वर मिश्र पार्क कर दिया गया है. ये दोनों ही पत्र समाजवादी पार्टी, उत्तर प्रदेश के लेटरहेड पर जारी किए गए हैं, और पत्र पर नीचे रामगोपाल यादव के हस्ताक्षर बतौर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर मौजूद हैं.
आज सुबह मुलायम सिंह यादव ने सभी घोषित प्रत्याशियों की बैठक अपने आवास पर बुलाई है, न यह खबर पार्टी के आधिकारिक पेज पर मौजूद है. और शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल द्वारा आपातकालीन बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों को कठोर कार्रवाई भुगतने की हिदायत भी एक पत्र में दी है, न ही यह खबर भी पार्टी के आधिकारिक पेज पर मौजूद है. आगे यह मामला और रोचक हो जाता है, जब यह दोनों सूचनाएं शिवपाल सिंह यादव के फेसबुक पेज पर मिल जाती हैं.
यानी एक तरह से देखें तो समाजवादी पार्टी का फेसबुक पेज हैंडल करने वाली टीम का झुकाव रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव की ओर नज़र आता है. इस पेज पर शिवपाल सिंह यादव और मुलायम सिंह यादव के खेमे से होने वाली आधिकारिक घोषणाओं और सूचनाओं को बीते चंद दिनों से साझा नहीं किया जा रहा है, जबकि रामगोपाल यादव, जो अभी निष्कासित हैं, द्वारा जारी हर सूचना को इस पेज पर साझा किया जा रहा है. समाजवादी पार्टी के इस पेज की ओर से सिर्फ एक ही पेज को लाइक किया गया है, जो अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक पेज है.