Home India News टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेज़ के कैम्पस में लिटरेचर फेस्टिवल

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेज़ के कैम्पस में लिटरेचर फेस्टिवल

TwoCircles.net News Desk

मुंबई : टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेज़ के कैम्पस में चल रहे ‘लिटरेचर फेस्टिवल’ के अवसर पर मशहूर उर्दू उपन्यास लेखक रहमान अब्बास, सोशल एक्टिविस्ट मुख्तार खान और मनीष मोदी की उपस्थिति में पुस्तक ‘पानी डूब जाएगा’ का आवरण पृष्ठ का प्रक्षेपण हुआ.

‘पानी डूब जाएगा’ उर्दू नज़्मों का संग्रह है, जो लैब एकेडेमिया –रिसर्च एंड पब्लिकेशन सेंटर द्वारा देवनागरी लिपि में प्रकाशित हो रही है. उर्दू नज़्मों का यह संग्रह दरअसल जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र असरारुल हक़ जीलानी का है.

बिहार के दरभंगा शहर में जन्में असरारुल हक़ जीलानी वर्त्तमान समय में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेज़ से ही एमए सोशल वर्क (मेंटल हेल्थ) कर रहे हैं. असरार एक कवि भी हैं, साथ ही साथ कहानियां और नाटक भी लिखते हैं.

इस कविता संग्रह में उन्होंने अपने कल्पनाओं और भावनाओं का ऐसे समागम तैयार किया है, जिसमें प्रेम-रस के साथ-साथ समाजिक और पर्यावरण के मुद्दे भी बोलते हुए नज़र आते हैं.

इनकी ख़ासियत यह है कि मोहब्बत और अमन का दामन थामे हुए सामाजिक और पर्यावरण मुद्दे का भी रुमानीकरण कर देते हैं. इस किताब में आप देखेंगे कि किस तरह से कवि पत्ता जो पर्यावरण का हिस्सा है, उसे कैसे मोहब्बत को जोड़कर देखते हैं.

Asrarul Haq Jeelani

उनकी इस कविता संग्रह से एक नज़्म की रूमानी झलक –

हरे हरे ख़्वाबों को तराश कर
देता हूं शक्ल पत्तों की
गीले गीले अहसास के क़तरों से
ख़्यालों की टहनियों पे
चिपकाता हूँ उन पत्तों को
फिर तसव्वुर के तने से जोड़ देता हूँ उनको
तो बन जाती है तुम्हारी तस्वीर

जिनको हिन्दुस्तानी कविता पढ़ने का शौक़ है, वो इस किताब में मोहब्बत की मिठास और सामाजिक मुद्दे का तीखापन महसूस कर सकते हैं. ये किताब मार्च महीने के दूसरे सप्ताह में बाज़ार में आएगी.