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हम अपने देश के ख़िलाफ़ नारा लगाने की सोच भी कैसे सकते हैं? –अली अकबर

TwoCircles.net News Desk

लखनऊ : ‘जिस देश में हम रहते हैं उसके खिलाफ हम कैसे नारा लगाने की सोच सकते हैं. आज जब यह आरोप बेबुनियाद साबित हो चुके हैं तो सवाल उठता है कि हम पर देश के खिलाफ़ नारा लगाने का झूठा आरोप क्यों मढ़ा गया.’

यह बातें देशद्रोह के आरोप से दोषमुक्त हो चुके अली अकबर ने रिहाई मंच द्वारा आयोजित लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में आज प्रेस वार्ता के दौरान कहा.

पश्चिम बंगाल के 24 परगना बनगांव के रहने वाले अली अकबर हुसैन ने कहा कि देश के खिलाफ़ नारे लगाने के झूठे आरोप ने उसे सबसे ज्यादा झटका दिया.

Ali Akbar Hussain

उन्होंने कहा कि हमारे वकील मो. शुऐब जो कि हमारा मुक़दमा लड़ने (12 अगस्त 2008) कोर्ट में गए थे, को मारा पीटा गया और हम सभी पर झूठा मुक़दमा दर्ज कर दिया गया कि हम देश के खिलाफ़ नारे लगा रहे थे.

जेल की पीड़ा और अपने ऊपर लगे आरोपों से अपना मानसिक असंतुलन का शिकार हो चुके अली अकबर के पिता अल्ताफ हुसैन ने कहा कि मेरे बेटे की हालत की जिम्मेदार पुलिस और सरकार है.

एयर फोर्स के रिटायर्ड अल्ताफ ने कहा कि जिस तरह से झूठे मुक़दमें में उनके लड़के और अन्य बेगुनाहों को फंसाया गया, ऐसे में एडवोकेट मुहम्मद शुऐब की मज़बूत लड़ाई से ही इनकी रिहाई हो सकी.

उन्होंने कहा कि हमारे बेटों के खातिर मार खाकर भी जिस तरीके से शुऐब साहब ने लड़ा उससे इस लड़ाई को मज़बूती मिली.

इस पत्रकार वार्ता में रिहा हो चुके लोगों के परिजन अब्दुल खालिद मंडल, अन्सार शेख भी मौजूद रहे.