By TwoCircles.net Staff Reporter
हैदराबाद: हैदराबाद के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद उठा शोर अभी शुरू ही हुआ था कि प्रशासन की एक और हरक़त ने इस आग में घी डालने के काम किया है.
प्रशासन ने आज बिना किसी को सूचित किए जल्दबाज़ी और गुपचुप तरीके से रोहित वेमुला की अंतिम संस्कार संपन्न कर दिया. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि रोहित के दाहसंस्कार के कोई इक्का-दुक्का लोग ही मौजूद थे. रोहित का दाहसंस्कार हैदराबाद के ही अम्बरपेट शवदाह स्थल पर किया गया. ‘हिन्दू श्मशान वाटिका प्रबंधक समिति’ की रसीद से शव के रोहित का होने की पुष्टि होती है, जिस पर रोहित का पूरा नाम ‘वेमुला रोहित चक्रबर्ती’ लिखा हुआ है.

इस मामले में रोचक और रोषपूर्ण तथ्य यह है कि रोहित के शवदाह के पहले रोहित के घरवालों तक को इसकी सूचना नहीं दी गयी थी. रोहित के मित्र और आंबेडकर सर्किल के लोग कह रहे हैं कि पुलिस की इस हरक़त से रोहित के समर्थन में किए जा रहे आंदोलन और भी भड़क सकते हैं.
इस मामले में प्रशासन के पक्ष की पुष्टि नहीं हो सकी है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बता रहे हैं कि ऐसा लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए किया गया.

छात्र चिट्टीबाबू पदावला अपनी वॉल पर रोहित वेमुला के अंतिम संस्कार की इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखते हैं, ‘क्या पुलिस और संघियों का ऐसा सोचना है कि रोहित की शवयात्रा से लॉ एंड ऑर्डर की समस्याएं उपजतीं? या वे एक 26 साल के शोधछात्र के समर्थन में एकता और सामर्थ्य का प्रदर्शन नहीं देखना चाहते हैं?’
रोहित के साथी कहते हैं कि क्या गलत था यदि हम अपने दोस्त को अंतिम बार देख लेते और विदाई दे देते?
(तस्वीरें Chittibabu Padavala की फेसबुक वाल से साभार)