Home India News क्यों विवादित हैं इस साल के पद्म पुरस्कार

क्यों विवादित हैं इस साल के पद्म पुरस्कार

By TwoCircles.net Staff Reporter

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के साथ ही हर साल पद्म पुरस्कारों से सम्मानित हस्तियों का उल्लेख भी होता आया है. यह सम्मान तीन श्रेणियों यानी पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में दिया जाता है.

सम्मानित द्वारा किए गए योगदान के परिप्रेक्ष्य में किसी एक श्रेणी का चुनाव होता है, जिसका ऐलान हर साल 25 जनवरी को किया जाता है.

साल 2015 पुरस्कारों की वापसी और दक्षिणपंथी राजनीति के तनावग्रस्त माहौल में रहा. 40 से भी ज्यादा लेखकों ने भारत सरकार की संस्था साहित्य अकादमी को अपने पुरस्कार वापिस कर दिए. लेखकों द्वारा चलाई गयी मुहिम देश में व्याप्त ‘असहिष्णुता’ की बहस का एक अध्याय थी. पश्चिमी देशों के लेखकों और विचारकों ने लेखकों की इस मुहिम को सही और ज़रूरी हस्तक्षेप बताया.

हालांकि बाद में लेखकों की यह मुहिम सिर्फ लेखकों के न रहकर फ़िल्मी हस्तियों, कलाकारों, अर्थशास्त्रियों और वैज्ञानिकों की भी हो गयी. जिसके बाद इस पूरे हस्तक्षेप का विस्तार एक व्यापक स्तर तक हुआ.

इस हस्तक्षेप के जवाब में भाजपा सांसद किरण खेर के पति और अभिनेता अनुपम खेर ने एक मार्च निकाला जिसमें कई लोगों ने हिस्सा लिया. दिल्ली में निकाले गए इस मार्च का मंतव्य सरकार की छवि को ‘साफ़-सुथरा’ रखना था.

इस साल अनुपम खेर को पद्म विभूषण दिया गया. अनुपम खेर के साथ लोक गायिका मालिनी अवस्थी और फिल्मकार मधुर भंडारकर भी अनुपम खेर द्वारा प्रायोजित मार्च का हिस्सा थे. उन्हें भी पद्म पुरस्कारों से नवाज़ा गया.

ऐसा नहीं है कि इन तीन नामों ने सरकार की साख़ को बचाने का प्रयास किया तो इन्हें पद्म सम्मान दिए गए. साल 2016 के अन्य पुरस्कारों पर भी सोशल मीडिया और खबरों में सवाल उठ रहे हैं.

उद्योगपति धीरूभाई अम्बानी को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. सोशल मीडिया पर यह चर्चा आम है कि मुकेश अम्बानी से करीबी के चलते प्रधानमंत्री ने धीरूभाई अम्बानी को यह पुरस्कार दिया है. अन्यथा धीरूभाई अम्बानी ने खुद के लिए धन क्कामाने के अलावा कोई भी कार्य लोकहित में नहीं किया, जिससे उन्हें दिया गया यह पद्म सम्मान चरितार्थ हो सके.

हालांकि यह पहली बार नहीं है कि केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का बेजा इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत मंशाओं को साधने के लिए किया है. कांग्रेसनीत पूर्ववर्ती सरकार ने भी कई ऐसे लोगों को पुरस्कार दिए, जिनके कार्य इन सम्मानों के योग्य नहीं थे.

भाजपा ने रामोजी राव को साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में पद्म विभूषण से सम्मानित किया है. रामोजी हैदराबाद में स्थित रामोजी फिल्म सिटी के मालिक हैं. पत्रकारिता में रामोजी का बहुत उल्लेखनीय योगदान नहीं है. रामोजी राव साल 2000 में भी तत्कालीन भाजपा सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय फिल्म से नवाज़ा गया था.

बहरहाल, कुल मिलाकर कुल 112 लोगों की सूची है. पद्म पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा मार्च/अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए जाने वाले समारोह में प्रदान किए जाते हैं. सूची में 10 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण तथा 83 पद्मश्री पुरस्तार प्राप्त करने वालों के नाम संलग्न हैं. इनमें 19 महिलाएं तथा 10 व्यक्ति विदेशी, एनआरआई, पीआईओ हैं.

List of Padma Awardee

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