TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : जाने-माने पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान मोहम्मद शाहिद का लंबी बीमारी के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में आज निधन हो गया.
शाहिद के बेटे मोहम्मद सैफ़ ने मीडिया को दिए अपने एक बयान में बताया कि आज सुबह 10.45 पर उन्होंने आखिरी सांस ली. सुबह उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. 56 साल के शाहिद को मेदांता मेडिसिटी में इस महीने की शुरूआत में पीलिया और डेंगू होने के बाद भर्ती कराया गया था. उन्हें वाराणसी से हवाई जहाज़ से यहां लाया गया था. शाहिद लीवर और किडनी की समस्या से जूझ रहे थे और 29 जून से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे.
सैफ़ ने बताया कि उन्हें वाराणसी ले जाया जाएगा, जहां कल उनका अंतिम संस्कार होगा.
डॉक्टरों के अनुसार मोहम्मद शाहिद के लीवर और किडनी खराब हो चुके थे और पिछले कई दिनों से उनका मेदांता अस्पताल में ही इलाज चल रहा था. उनका लीवर ट्रांसप्लांट किया जाना था, लेकिन किडनी के काम न करने के कारण ट्रांसप्लांट भी संभव नहीं हो पा रहा था. पिछले कुछ दिनों से उनके डायलिसिस की प्रक्रिया चल रही थी.
बताते चलें कि शाहिद भारत के लिए आज तक खेले गए कुछ सबसे बेहतरीन हॉकी खिलाड़ियों में शुमार होते हैं. अपने ड्रिबलिंग कौशल के लिए मशहूर रहे शाहिद भारत के महानतम हॉकी खिलाडिय़ों में से थे, इसीलिए हॉकी की दुनिया में उन्हें ड्रिब्लिंग का बादशाह भी कहा जाता था.
शाहिद 1980 मास्को ओलिंपिक की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे. वह दिल्ली एशियाई खेल 1982 की रजत पदक विजेता और 1986 की सोल एशियाड की कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य भी थे.
1980, 84 और 88 लगातार तीन ओलंपिक खेलों में वह भारतीय हॉकी टीम की कमान संभाल चुके थे. 1985-86 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी रहे. उन्हें भारतीय सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका था. 1986 में भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था.