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पढ़िए गौहर रज़ा की वह ग़ज़ल, जिसके लिए जी न्यूज़ ने उन्हें देशद्रोही साबित कर दिया

TwoCircles.net Staff Reporter

नई दिल्ली: शायर गौहर रज़ा भी मुल्क में फ़ैली देशद्रोह की फिज़ा से अछूते नहीं रहे. हालांकि यह फिज़ा मुल्क में जितनी नहीं है, उतनी इंडिया न्यूज़, जी न्यूज़ और टाइम्स नाउ के प्राइम टाइम पर है. दिल्ली में आयोजित होने वाले शायरी के सालाना जलसे शंकर-शाद मुशायरे पर इस बार जी न्यूज़ की ‘मेहरबानी’ इनायत हुई है.

जी न्यूज़ ने पहले तो इस मुशायरे को ‘अफज़ल प्रेमी गैंग’ का मुशायरा करार दिया और फिर शायर गौहर रज़ा की ग़ज़ल के चंद शेर उठाकर उन्हें राष्ट्रविरोधी और देशद्रोही साबित कर दिया.

पढ़िए गौहर रज़ा की वह ग़ज़ल, जिसके लिए जी न्यूज़  ने उन्हें देशद्रोही साबित कर दिया

Gauhar Raza

वैज्ञानिक और शायर गौहर रज़ा के खिलाफ की गयी इस कार्रवाई से दो बातें तो साफ़ हो जाती हैं. एक, जी न्यूज़ के पास सम्पादकीय विवेक कम से कमतर होता जा रहा है और दो, कविता और भाषा को समझने की गुंज़ाइश इस चैनल के पास से नदारद है.

और अब पढ़िए गौहर रज़ा की देशद्रोही गज़ल –

धर्म में लिपटी वतनपरस्ती क्या-क्या स्वांग रचाएगी
मसली कलियाँ, झुलसा गुलशन, ज़र्द ख़िज़ाँ दिखलाएगी

यूरोप जिस वहशत से अब भी सहमा-सहमा रहता है
खतरा है वह वहशत मेरे मुल्क में आग लगायेगी

जर्मन गैसकदों से अबतक खून की बदबू आती है
अंधी वतनपरस्ती हमको उस रस्ते ले जायेगी

अंधे कुएं में झूठ की नाव तेज़ चली थी मान लिया
लेकिन बाहर रौशन दुनियां तुम से सच बुलवायेगी

नफ़रत में जो पले बढ़े हैं, नफ़रत में जो खेले हैं
नफ़रत देखो आगे-आगे उनसे क्या करवायेगी

फनकारो से पूछ रहे हो क्यों लौटाए हैं सम्मान
पूछो, कितने चुप बैठे हैं, शर्म उन्हें कब आयेगी

यह मत खाओ, वह मत पहनो, इश्क़ तो बिलकुल करना मत
देशद्रोह की छाप तुम्हारे ऊपर भी लग जायेगी

यह मत भूलो अगली नस्लें रौशन शोला होती हैं
आग कुरेदोगे, चिंगारी दामन तक तो आएगी