TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : रविवार को मुज़फ़्फ़रपुर के नागरिक समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘मैं जेएनयू बोल रहा हूं’ हिंसक झड़प की भेंट चढ़ गया. इस कार्यक्रम के दौरान भाजपा के छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) और आयोजकों में जमकर रोड़ेबाज़ी हुई. जिसके कारण दर्जन भर से अधिक लोग ज़ख्मी हुए.
इस पूरे मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने भाजपाई-संघी गुंडों द्वारा नागरिक समाज के लोगों पर हमला किए जाने और पुलिस प्रशासन के मूकदर्शक बने रहने की तीव्र निंदा की है.
सत्य नारायण सिंह का आरोप है कि घटनास्थल पर मुज़फ्फ़रपुर के सिटी एसपी और सदर अनुमंडलाधिकारी पुलिस बल के साथ मौजूद थे, मगर मूकदर्शक बने रहे. क़रीब ढाई-तीन घंटे तक यह तांडव जारी रहा. लेकिन ज़िलाधिकारी और वरीय आरक्षी अधीक्षक सब कुछ हो हवा जाने पर घटनास्थल पर तीन घंटे बाद पहुंचे.
भाकपा राज्य सचिव ने इस पूरे प्रकरण और राज्य में भाजपा की बढ़ती गुंडागिरी पर रोष एवं असंतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर मांग की है कि इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने में चाहे-अनचाहे संलिप्त अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और राज्य के नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए महागठबंधन सरकार ठोस कार्रवाई करें.
उन्होंने मुज़फ्फ़रपुर के नगर आयुक्त, अनुमंडलाधिकारी और सिटी एसपी को अविलंब बर्खास्त करने की मांग की है.
इस मामले में मुशहरी बीडीओ के बयान पर मिठनपुरा थाने में भाजपा नेता चंद्रकिशोर पाराशर समेत 200 अज्ञात लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की गई है.
दरअसल, यह कार्यक्रम आम्रपाली ऑडिटोरियम में था. आयोजकों के मुताबिक़ प्रशासन से इस कार्यक्रम की अनुमति क़रीब दो हफ़्ते पहले ही ले ली गई थी. लेकिन जब रविवार सुबह आयोजक ऑडिटोरियम पहुँचे, तो उसका दरवाज़ा बंद मिला. वहां कार्यक्रम की अनुमति रद्द करने की सूचना चिपकी हुई थी. भाकपा राज्य सचिव के मुताबिक़ मुख्य द्वार पर चस्पा नोटिस पर लिखा हुआ था कि कल शाम भाजपा के एक नेता के कहने पर सभागार का आरक्षण रद्द कर दिया गया है. इससे एकत्रित लोगों में रोष व्याप्त हो गया और वे नारेबाजी करने लगे. फिर अंत में विकल्प के तौर पर आयोजकों ने ऑडिटोरियम के बाहर कार्यक्रम करना तय किया. लेकिन इसी बीच भाजयुमो व एबीवीपी के गुंडों ने ज़बर्दस्त हमला बोल दिया.
आयोजकों के मुताबिक़ इस दौरान भाजयुमो और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पथराव भी किया, जिसमें दो लोगों को सिर पर गंभीर चोटें लगीं. इसके अलावा दस अन्य लोग घायल हो गए.
हालांकि दूसरी ओर भाजयुमो के ज़िला महामंत्री रवि रंजन शुक्ला ने पथराव की बात से इनकार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि आयोजकों ने ही भाजयुमो और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हमले किए. इस हमले में क़रीब आधा दर्जन कार्यकर्ता ज़ख़्मी हो गए हैं.
हालांकि उन्होंने कार्यक्रम का विरोध करने की वजह यह बताई कि –‘शहर में अगर राष्ट्रविरोधी तत्वों के समर्थन में कार्यक्रम होता, तो मुज़फ्फ़रपुर की धरती कलंकित हो जाती. ऐसे में हम राष्ट्रवादियों ने मुज़फ़्फ़रपुर को कलंकित होने से बचाने के लिए यह विरोध किया.’