By आस मोहम्मद, TwoCircles.net
सहारनपुर : उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की हुंकार के साथ सहारनपुर हुई भाजपा की परिवर्तन रैली से ठीक पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने बड़ा विवादित बयान दिया है. मीडिया के साथ बातचीत मे इमरान मसूद ने कहा है कि अमित शाह के हाथ गुजरात दंगे आैर भाेपाल एनकाउंटर से रंगे हुए हैं. उन्होंने कहा है कि इस रैली में एक भी मुसलमान नहीं आएगा, और यह भी कहा कि अगर कोई मुसलमान इस रैली में पहुंचता है तो उसके मुसलमान होने पर ही मुझे शक है.
दरअसल कांग्रेस नेता इमरान मसूद भाजपा को घेरने के चक्कर में मुसलमानों पर विवादित बयान दे गए.
परिवर्तन रैली के तैयारियों में जुटे नेताओं ने दावा किया जा रहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में इस रैली में पहुंच रहे हैं. भाजपा के इन्हीं दावों पर हमने कांग्रेस नेता इमरान मसूद से उनकी राय जाननी चाही. इस सवाल के जवाब में इमरान मसूद ने कहा, ‘इस रैली में एक भी मुसलमान नहीं पहुंचेगा आैर यदि कोई मुसलमान पहुंचता है तो उसके मुसलमान होने पर भी मुझे शक है.’ इसके पीछे उन्हाेंने कारण बताया कि जिस व्यक्ति के हाथ गुजरात दंगे आैर भोपाल एनकाउंटर से रंगे हों, एेसे व्यक्ति के स्वागत में भला कोई मुसलमान कैसे खड़ा हो सकता है?
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने भाजपा की परिवर्तन रैली को लेकर यह भी कहा कि जिनके हाथ गुजरात दंगे आैर अब भाेपाल एनकांटर से रंगे हों, उनकी रैली में भला कोई मुसलमान कैसे पहुंच सकता है?
इमरान ने यह भी कहा कि वास्तव में भाजपा को अपने गर्वनेंस में परिवर्तन की जरूरत है. इसलिए भाजपा को यह परिवर्तन रैली छोड़कर खुद में परिवर्तन करना चाहिए. वह मुस्लिमाें काे अलग- थलग करने का प्रयास कर रही है.
इमरान मसूद ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा कि भाजपा देश के 25 करोड़ लोगों काे अलग-थलग करने का प्रयास कर रही है. 25 करोड़ लोगों को दूध में से मक्खी की तरह बाहर निकालने का प्रयास, जो भाजपा कर रही है, वह ना करें.
इमरान मसूद के इस बयान पर जब सांसद राघव लखनपाल शर्मा से बात की गयी ताे उन्होंने साफ कह दिया कि जिस आदमी के हाथ गंगा-जमुनी तहजीब के पाेषक आैर भाईचारे के प्रतीक जैसे शहर सहारनपुर के दंगे से रंगे हाें, एेसे व्यक्ति को कुछ बाेलने का अधिकार नहीं होना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर भाजपा की सहारनपुर रैली सफल रही है. ऐसा तो कोई पैमाना नहीं है जिसकी बिना पर मुस्लिमों की संख्या का अन्दाज़ लगाया जाता सके. फिर भी रैली में भीड़ उमड़ी. यह भी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौजूद ज़िले, जहां सहारनपुर मौजूद है, भाजपा के गढ़ के रूप में माने जाते हैं.
आज की रैली में अमित शाह ने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया न ही कोई बहुत मजबूत आलोचनात्मक टिप्पणी की, अधिक से अधिक समय वे मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते रहे. सपा और बसपा पर उन्होंने बराबरी से निशाना साधा और यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत भी की. केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाना भाजपा नेताओं के प्रचार का एक बड़ा हिस्सा है. लेकिन इमरान मसूद की यह विवादित टिप्पणी अब भाजपा को कितना नुक़सान पहुंचा पाएगी, नहीं पता लेकिन कांग्रेस को नुक़सान ज़रूर झेलना पड़ सकता है.