आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net
मुज़फ्फरनगर : उत्तर प्रदेश सरकार के ब्रांड अम्बेसडर और बॉलीवुड कलाकार नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद प्रदेश छोड़ने का फैसला त्याग दिया है. हालात से परेशान नवाज़ परिवार सहित उत्तराखंड स्थित देहरादून बसने पर विचार कर रहे थे.
बताते चलें कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जनपद के बुढ़ाना कस्बे के रहने वाले हैं. नवाज़ के तीन छोटे भाई — फैज़ुद्दीन, मिन्हाजुद्दीन और मेराजुद्दीन — भी वहीं रहते हैं.
नवाज़ुद्दीन पर उनके छोटे भाई मिन्हाजुद्दीन की पत्नी आफरीन ने घरेलू हिंसा का मुक़दमा दर्ज़ कराया था. उनके भाई और उन पर अपनी भाभी के साथ मारपीट करने, दहेज़ मांगने व उनके गर्भ पर लात मारने जैसा संगीन इल्ज़ाम था. बाद मे नवाज़ुद्दीन ने एक सीसीटीवी फुटेज रिलीज की थी जिसके आधार पर उन्हें क्लीन चिट दे गयी थी. लगातार बड़े होते मामले मे नवाज़ के भाई फैज़ुद्दीन पर जानलेवा हमला हुआ था और उनके परिवार से एक करोड़ की रंगदारी मांगी गयी थी. जब नवाज़ इस मामले मे पुलिस के रवैये से नाखुश हुए तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एसएसपी मुज़फरनगर से लंबी बात की थी और मामले को ख़त्म किया गया. उधर उनके पारिवारिक मामले में भी समझौता हो गया और दोनों पक्ष अपने-अपने मुक़दमे वापस लेंगे.
मुजफ्फरनगर(देहात) के पुलिस अधीक्षक राकेश जौली के मुताबिक, फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के छोटे भाई की पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को तहरीर दी थी. पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी.
मामला अभी थमा नहीं था कि नवाज़ के भाई मिन्हाज और मेराज पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. यह घटना तब हुई जब वे घर का सामान लेने के लिए बाज़ार गये थे. तभी आपसी रंजिश में नूर, ईस्लाह और जहीरुदीन ने उन्हें रोक लिया और गंदी-गंदी गालियां देने लगे. विरोध करने पर उन्होंने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया. उन तीनों के खिलाफ नामज़द तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गयी. लेकिन आरोपी बनाये गए नूर द्वारा भी पुलिस को तहरीर देने के बाद से पुलिस दोनों ओर से तहरीर लेकर जांच में जुट गई है. पुलिस ने किसी भी मामले में कोई अभियोग अभी पंजीकृत नही किया था क्योंकि पुलिस के अनुसार यह पारिवारिक विवाद था, जो काफी दिनों से चलता आ रहा है. पुलिस जांच के बाद कार्रवाई करने के लिए कह रही थी.
इसके बाद नवाज़ के भाई मेराजुद्दीन से फोन पर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. फिल्मी अंदाज में आई रंगदारी की इस कॉल के बाद से नवाजुद्दीन सिद्दीकी का पूरा परिवार दहशत में था. परिवार ने एसएसपी मुजफ्फरनगर को पूरा मामला बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी. पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी थी. इंस्पेक्टर डीके त्यागी का कहना है कि नंबर की सीडीआर निकलवाई जा रही है. सीडीआर मिलते ही पुलिस काफी हद तक इस मामले की गहराई में पहुंच जाएगी.
इन्ही सब कारणों से सिने अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का परिवार बुढ़ाना कस्बे से शिफ्ट होने पर विचार करने लगा. जैसे ही यह खबर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंची, उन्होंने तत्काल एसएसपी मुज़फ्फरनगर बबलू कुमार से बात की और मामले का हल निकालने को कहा.
उसके बाद गणमान्य लोगों को बीच में डाल कर पारिवारिक मामलो में सुलह कराई गयी और परिवार को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिलाया तब जाकर नवाज़ ने अपना विचार बदला.