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मायावती पर लगा मुस्लिम प्रत्याशी से सजदा कराने का आरोप, गुर्जर हो रहे लामबंद

आस मोहम्मद, TwoCircles.net

मुज़फ्फरनगर: बसपा से निष्कासित बुढ़ाना के बसपा प्रत्याशी कंवर हसन भावनाओं के दम पर बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ माहौल बनाने मे जुट गए हैं. बुढ़ाना विधानसभा में आयोजित पंचायत में आज उनके बुलाने पर जुटे बिरादरी के चौधरीयों के सामने कंवर हसन रो पड़े. उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो के सामने नसीमुदीन सिद्दीक़ी ने उनके बड़े भाई मनव्वर हसन को गालियां दीं और उन पर सजदा करने का दबाव बनाया. कंवर हसन को बसपा ने बुढ़ाना विधानसभा से चौथी बार प्रत्याशी बनाया था. इससे पहले योगराज सिंह, नईम मालिक और आरिफ जोला बदले जा चुके हैं.


मायावती पर लगा मुस्लिम प्रत्याशी से सज़दा कराने का आरोप, गुर्जर हो रहे लामबंद
बसपा के मुस्लिम नेता

अचानक से बुढ़ाना विधानसभा बसपा के लिए सिरदर्द बन चुकी है. दरअसल यहां से किसी मुस्लिम प्रत्याशी की जीत को गारंटी माना जा रहा है. बसपा से अब यहां पूर्व सांसद क़ादिर राणा को प्रत्याशी बनाये जाने की संभावना है. सपा से इसी विधानसभा से विधायक बने नवाज़िश आलम अब बसपा में है और एक दूसरी विधानसभा मीरापुर से प्रत्याशी हैं. बसपा मुखिया पर सज़दा कराने जैसे गंभीर आरोप के बाद जनपद में बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी और विधायकों ने आलाकमान के कहने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कंवर हसन के आरोपों को झूठा बताया. इस घटना के बाद से अचानक से पश्चिम उत्तर प्रदेश बसपा राजनीति मे हलचल शुरू हो गयी है.

कंवर ने कहा कि मायावती चाहती थी कि मैं उनके सामने सजदा करूँ,जबकि मैं अपने अल्लाह के अलावा किसी सामने सजदा नही कर सकता.

अपना टिकट काटे जाने के बाद कंवर हसन ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि – 2/10/2016 को नसीमुद्दीन का मुझे फोन आया जब मैं गाँव जोगिया खेड़ा बुढाना में मीटिंग कर रहा था, कि कल शाम 4 बजे बहन जी ने तुम्हें लखनऊ बुलाया है, तो मैं रात को ही अपनी कार से लखनऊ के लिए निकल पड़ा और टाइम से पहले नसीमुद्दीन के पास पहुँच गया, वो मुझ पर शामली और कैराना से चुनाव लड़ने का दबाव बनाने लगा, मैंने दोनो सीटों से चुनाव लड़ने से मना कर दिया, मैने बोला – मैं बुढाना चुनाव जीत रहा हूँ, जनता मुझे मेरे बड़े भाई मुनव्वर हसन जी की तरह प्यार कर रही है और मुझे मुनव्वर समझ कर भारी समर्थन और प्यार दे रही है, पर उन्होंने मेरी एक ना सुनी और फिर बसपा सुप्रीमो के पास ले गया, वहां जाते ही नसीमुद्दीन ने बहन जी के चरणों में सर रख कर जय भीम कहा, फिर मुझे भी उनके चरणो में सजदा करने को कहा, मैने उसकी बात नही मानी और दूर से ही दुआ-सलाम कर ली, इस पर बसपा सुप्रीमो आग बबूला हो गयीं और मुझे बैठने भी नहीं दिया, खड़े-खड़े मुझसे बात करने लगी कि तुम मुझे बुढाना के लिए 4 करोड़ रुपये दो, मेरे पास चार करोड़ देने वालो की लाईन लगी है और सजदा करने वालो की भी…….मैने कहा- बहन जी मेरे पास इतना पैसा नही है और ना मैं अल्लाह पाक के अलावा किसी का सजदा कर सकता, तब बोली कि तुम ज्यादा बड़े मुस्लिम हो क्या?, कादिर इतनी बड़ी दाढी वाला मेरे पैरों में सर रख कर गया है और ये नसीमुद्दीन तो रोजाना मेरे पैरों में सर रखता है, क्या ये मुसलमान नही है, मैने कहा – बहन जी टिकट रखो या काट दो, सजदा तो मैं सिर्फ अल्लाह पाक के सामने करता हूँ,तब उन्होंने मुझसे गाली गलौच करनी शुरू कर दी, मैने कहा बहन जी आपको ये सब शोभा नही देता, मै कोई आम आदमी नही हूँ, मुनव्वर हसन का भाई हूँ, तब नसीमुद्दीन ने भाई मुनव्वर को भी गाली देना शुरू कर दिया और मुझे बाहर जाने के लिए कहा.

कँवर हसन ने रॉयल बुलेटिन से बातचीत में बताया, ‘मैं कल कैराना आकर अपने समर्थकों के साथ बैठक करूंगा और अपने अगले कदम की घोषणा करूंगा.’ आज कंवर हसन की पंचायत में बसपा का विरोध करने और चुनाव लड़ने का ऐलान हुआ.


मायावती पर लगा मुस्लिम प्रत्याशी से सज़दा कराने का आरोप, गुर्जर हो रहे लामबंद
कंवर हसन के बुलावे पर जुटी भीड़

बसपा के वरिष्ठ नेता और चरथावल विधानसभा के मौजूदा प्रत्याशी नूर सलीम राणा और मीरापुर से बसपा प्रत्याशी नवाजिश आलम व पूर्व विधायक थानाभवन विधानसभा प्रत्याशी राव अब्दुल वारिस ने कंवर हसन के द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठ क़रार दिया. उन्होंने कहा, ‘बुढ़ाना विधानसभा से कंवर हसन का टिकट मायावती ने इसलिए काट दिया और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया क्योंकि कंवर हसन ने बुढ़ाना से बसपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद क्षेत्र में कोई कार्यकर्ता सम्मेलन या पार्टी का प्रचार-प्रसार नहीं किया और न ही खुद पूरी विधानसभा का भ्रमण किया. पार्टी सुप्रीमो ने बुढ़ाना क्षेत्र का सर्वे कराकर कंवर हसन का टिकट काट दिया।. इसी से खिन्न होकर कंवर हसन मायावती को बदनाम करने पर लगे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम तीनों मुस्लिम विधायक हैं और पिछले कई सालों से बसपा से जुड़े है और नूर सलीम राणा तो बसपा से चरथावल विधानसभा सीट से विधायक हैं. कभी भी मायावती ने मुस्लिम समाज के कार्यकर्ता या विधायकों से झुककर सलाम करने या सजदा करने को नही कहा. बसपा में सभी समुदायों का बराबर सम्मान होता है. कंवर हसन द्वारा झूठा प्रचार किया जा रहा है. क्या बुढ़ाना विधानसभा से टिकट कटने के बाद कंवर हसन को बसपा में बुराई दिखाई दी जबकि कंवर हसन खुद कैराना से संसद का चुनाव बसपा के टिकट से से लड़ चुके हैं. यह सब झूठी लोकप्रियता हासिल कर अन्य पार्टी से हमदर्दी लेकर विधानसभा टिकट लेने का चक्कर है.’