TwoCircles.net Staff Reporter
किशनगंज : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने नोट-बंदी के फैसले के तुरंत बाद ही वो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के निशाने पर रहें. अब बिहार में इसी पार्टी के नेता अख़्तरूल ईमान भी मोदी के इस फैसले पर जमकर बरसें और इस फैसले को जनता विरोधी बताते हुए सारे काले धन रखने वालों को उनका दोस्त बताया. उनके निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी रहें.
TwoCircles.net के साथ बातचीत में वो कहते हैं कि –‘पीएम मोदी अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कई पैंतरे किए. पहले तो उन्होंने विदेशों से काला धन लाने की बात की थी, लेकिन पूरी तरह नाकाम रहें. 15-15 लाख हरेक के खाते में डालने की बात कही थी, 15 पैसा भी लोगों के अकाउंट में नहीं भिजवा पाएं. अब अपनी नाकामी छिपाने जाली करेंसी व काले धन के बहाने इसे रोकने का उन्होंने दावा किया, ये दावे तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन इससे आम लोगों की ज़िन्दगी में जो मसायल खड़े हुए हैं, उनको इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर लेनी चाहिए थी. लोगों के रोज़मर्रा के ज़रूरतों का भी ख्याल रखना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया.’
एक लंबी बातचीत में वो आगे बताते हैं कि –‘बीमार पैसे के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. इलाज के अभाव में कई लोगों की मौत की कहानी भी सामने आ चुकी है. सीमांचल के लोग अपने मां के कफ़न के कपड़े नहीं खरीद पा रहे हैं. बेटियों की शादियां नहीं हो पा रही हैं. गांव में बैंक नहीं है. गांव के लोगों को शहर आकर लंबी-लंबी क़तारों में लगना पड़ रहा है. हर बैंक व एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं. ऊपर से इनकी शरारत देखिए कि इनकी पुलिस क़तार में खड़े लोगों पर लाठियां बरसाती हैं.’
अख़्तरूल ईमान कहते हैं कि –‘काला धन रखने वाले सारे लोग तो मोदी के दोस्त ही हैं. बाबा रामदेव की चार साल पहले क्या हैसियत थी, लेकिन आज कहां पहुंच गए हैं. अम्बानी ब्रदर्स के अधिक काला धन किसके पास हो सकता है. वो इस समय मोदी जी के सबसे खास हैं. दरअसल मोदी जी काला धन रखने वालों को बचाने का काम कर रहे हैं.’
आगे नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि –‘मुख्यमंत्री नीतिश कुमार जी तो आरएसएस मुक्त भारत की बात करते हैं, लेकिन केन्द्र सरकार से अपनी नज़दीकियां बढ़ाने में वो लगातार लगे हुए हैं.’
बताते चलें कि अख़्तरूल ईमान ऑल इंडिया मजलि-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं. इससे पूर्व वो कोचाधामन विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं. कभी लालू के क़रीबी माने जाते रहे हैं. लालू के बाद नीतिश कुमार ने उन्हें 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी का टिकट दे डाला. लेकिन नॉमिनेशन के बाद अख़्तरूल ईमान खुद के चुनाव लड़ने से मना कर दिया. उनके मुताबिक़ ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि उनके चुनाव लड़ने से बीजेपी को सीधा फ़ायदा मिलता और उनके वापस हट जाने से कांग्रेस के असरारूल हक़ क़ासमी चुनाव जीतने में कामयाब रहें.
नोट-बंदी के मसले पर अख़्तरूल ईमान से बातचीत के कुछ अंश का वीडियो आप यहां देख सकते हैं: