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वाराणसी: धार्मिक नगरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शनिवार दोपहर को एक धार्मिक उत्सव के दौरान भगदड़ मच गयी. इस भगदड़ की वजह से कम से कम 20 लोगों की मौतें हो गयी हैं और कम से कम 50 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
दरअसल यह घटना शनिवार दोपहर को नगर के प्रसिद्द राजघाट पुल पर घटित हुई. बनारस से सटे जिले चंदौली में धार्मिक गुरु ‘जय गुरुदेव’ का दो दिनी सत्संग आयोजित था. चूंकि बनारस से लगायत गंगा नदी पार करने के दो ही पुल – राजघाट पुल या मालवीय पुल और विश्वसुन्दरी पुल – हैं और इनमें समागम स्थल तक पहुँचने के लिए राजघाट पुल ही सबसे नज़दीक का रास्ता है, इसलिए इस पुल पर जय गुरुदेव के अनुयायियों की ज़्यादा भीड़ हो गयी.
दूर-दूर से आए अनुयायी सुबह से शहर भर में जत्थों के साथ चल रहे थे और चंदौली जिले जाने के लिए राजघाट पुल का प्रयोग कर रहे थे. राजघाट पुल को ब्रिटिश राज के समय बनवाया गया था.
जय गुरुदेव आश्रम के मथुरा प्रभारी के बयान का भरोसा करें तो अचानक यह अफवाह उडी कि पुल टूट गया है. इसी बात से घबराए लोगों के बीच भगदड़ मच गयी. चूंकि भीड़ में ज्यादातर बुजुर्ग शामिल थे, इसलिए भगदड़ में यही वर्ग सबसे अधिक घायल और मृत हुआ.
घायलों को पास स्थित रामनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वहीँ उनका इलाज चल रहा है. शेष घायलों की शिनाख्त अभी भी जारी है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतकों को 2-2 लाख और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हज़ार रूपए देने की घोषणा की है. वहीँ प्रधानमंत्री मोदी ने भी घटना पर दुःख जताया है और हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है.