TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : ऊना दलित अत्याचार लड़त समिति के संयोजक जिग्नेश मेवाणी को दिल्ली से लौटते हुए गुजरात पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की ख़बर है. इस ‘अवैध हिरासत’ को लखनऊ की सामाजिक संगठन रिहाई मंच ने लोकतंत्र की हत्या क़रार देते हुए तत्काल इस दलित आंदोलन के नेता की रिहाई की मांग की है.
रिहाई मंच द्वारा आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि दिल्ली में दलित स्वाभिमान संघर्ष रैली में जिग्नेश मेवाणी के 1 अक्टूबर को रेल रोको के ऐलान से घबराई मोदी सरकार ने मेवाणी को गिरफ्तार करवाकर अपनी दलित विरोधी राजनीति को एक बार फिर से उजागर कर दिया है.
उन्होंने कहा कि आज जब गुजरात के दलित अपने हक़-हुक़ूक़ और अधिकार के लिए खड़े होकर मोदी के गुजरात मॉडल का पोस्टमार्टम कर रहे हैं, जिसने संघी ताक़तों का मंसूबा ध्वस्त कर दिया है.
मंच प्रवक्ता ने कहा कि जिग्नेश की गिरफ्तारी ने साफ़ कर दिया है कि ‘गाय की पूंछ तुम रखो, हमको हमारी ज़मीन दो’ के नारे से आक्रोशित दलित चेतना से मोदी सरकार कितनी भयभीत है. यह गिरफ्तारी जहां पूरे देश को आंदोलित करेगी वहीं यह मोदी सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.