मेरठ : दलित व जाट में खूनी संघर्ष, दलितों पर एकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप

आस मोहम्मद कैफ़, TwoCircles.net

मेरठ : गंगानगर थाना क्षेत्र के रजपुरा में शुक्रवार की शाम बुग्गी टकराने को लेकर हुए मामूली विवाद ने शनिवार को खूनी रूप ले लिया. जाट और दलित पक्ष के लोगों के बीच जमकर पथराव हुआ. इस पथराव में कई लोग घायल हुए. हमले में घायल दो नौजवानों को क़रीब के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस मामले में अब तक दलित समाज के चार लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. वहीं इस घटना के बाद तनाव को देखते हुए गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है.


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मेरठ के एसएसपी जे. रविंद्र गौड़ के मुताबिक़, ‘मामले पर पूरी नज़र है. कई दिन से तनातनी थी. थाना प्रभारी को सख्ती के लिए कहा गया था. अब दोनों पक्ष के विरुद्ध कार्यवाही होगी.’

वहीं रविदासी संघर्ष मोर्चा, मेरठ के सचिव एडवोकेट संजय जाटव TwoCircles.net के साथ बातचीत में बताते हैं कि, ‘पुलिस ने एक तरफ़ा कार्रवाई की है. दलितों के साथ ही मारपीट की और उन्हीं के ख़िलाफ़ मुक़दमा लिखकर जेल भेज दिया. यह सरासर नाइंसाफ़ी है. हम आयोग में अपील करेंगे.                       

मवाना के सामाजिक कार्यकर्ता शमीम अहमद भी यही आरोप लगाते हैं. उनका भी कहना है कि, ‘सूबे की सरकार दलितों के प्रति पूर्वग्रह से ग्रस्त लगती है. एकतरफ़ा कार्रवाई साफ़ दिखाई देती है. पहले मैथिना में भी यही हुआ था.’

रजपुरा में रहने वाले दलितों का भी आरोप है कि उनकी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जबकि जाटों के दबाव में पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है.

दूसरी तरफ़ ये भी आरोप है कि धारदार हथियारों से लैस दलित समाज के लोगों ने जाट समाज के एक व्यक्ति की डेयरी पर हमला बोलते हुए कई लोगों को घायल कर दिया. इस दौरान पथराव व फायरिंग का आरोप भी लगाया जा रहा है.

दरअसल, चश्मदीदों के मुताबिक़ कहानी यह है कि शुक्रवार की शाम अभिषेक नामक एक दलित लड़का साइकिल से जा रहा था. इसी दौरान गांव में उसकी साइकिल जाट समाज के कुछ युवकों की बुग्गी से टकरा गई. आरोप है कि जाट समाज के युवकों ने अभिषेक की पिटाई कर डाली थी, लेकिन शनिवार को यह बात फिर आगे बढ़ी और आपसी संघर्ष का रूप ले लिया.

इस घटना के दौरान गांव में हड़कंप मच गया और दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए. घटना की जानकारी मिलने के बाद गंगानगर थाना पुलिस सहित सीओ सदर देहात यू.एन. मिश्रा भी मौक़े पर पहुंचे, लेकिन हालात क़ाबू में न आते देख उन्होंने चार अन्य थानों की पुलिस और पीएसी को मौक़े पर तलब कर लिया. अब गांव में तनाव को देखते हुए पीएसी तैनात कर दी गई है.

बताते चलें कि पिछले पंद्रह दिनों में ऐसी घटना दूसरी बार हुआ है. इससे पहले पास के एक गांव मैथिना में भी दलित व जाट के बीच ऐसा ही संघर्ष हो चुका है.

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