मीडिया की ये ख़बर भी निकली झूठी, खुद दरगाह के दीवान ने किया खंडन

TwoCircles.net News Desk

अजमेर : मीडिया के ख़बर के मुताबिक़ मुस्लिमों से बीफ़ छोड़ने की अपील करने वाले अजमेर की सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन की दरगाह के दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान मुश्किलों में घिरते दिख रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ दीवान के ऐलान से नाराज़ उनके भाई अलाउद्दीन आलिमी ने उनको पद से हटाने की घोषणा करते हुए खुद को नया दीवान नियुक्‍त किया है.


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लेकिन आज खुद सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने उनको पद से हटाऐ जाने की ख़बर का खंडन करते हुऐ कहा कि, ‘यह केवल इस्लामिक कट्टरपंथियों की साजिश है. ये ख़बर पूरी तरह से मनगढ़़ंत है. मीडिया ने खुद पैदा किया है.’

उन्होंने कहा कि वह आज भी सज्जादानशीं हैं और मृत्यु तक रहेंगे. दरगाह दीवान ने अपने पुत्र को अपना उत्तराधिकारी और दरगाह दीवान घोषित किया है.

बुधवार को हवेली दीवान साहब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दीवान आबेदीन ने कहा कि वो हमेशा इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं और देशहित में दिये गऐ बयानों से हमेशा कट्टरपंथियों को तक़लीफ़ रहती है, और वही ताक़तें अक्सर इस तरह के भ्रामक प्रचार से उनकी प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचाने की कुचेष्ठा करते रहते हैं.

उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि दरगाह दीवान का पद एक धार्मिक पद होते हुऐ वंशानुगत है, जिसे देश के सर्वोच्च न्यायालय नें 1987 में निर्णित किया हुआ है. जिसके तहत दीवान को हटाने का अधिकार किसी को नहीं है. इसलिये उन्हें दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख पद से हटा देने का बयान हास्यापद है, बल्कि यूं कहें कि इस्लामिक कट्टरपंथियों की शाजिश मात्र है.

उन्होंने उनके छोटे भाई एस.ए. अलीमी द्वारा दरगाह दीवान को उनके पद से हटा देने की ख़बर को सिरे से खारिज करते हुऐ कहा कि दरगाह दीवान को उनके पद से उनके भाई किसी को भी नियुक्त करने या हटा देने का कोई विधिक अधिकार नहीं है. इसलिये उनके द्वारा दरगाह दीवान को हटाने के बयान की कोई वैधानिकता नहीं है, इसलिए किसी को भ्रमित नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मैंने सरकार से देश में गौवंश के वध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए मुस्लिम समाज से कहा कि वे पहल करे ताकि बीफ़ को लेकर दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य पर विराम लगे. मैं आज भी इस बयान पर क़ायम हूं और मेरे इस बयान का मुसलमानों ने भी स्वागत किया है.

उन्होंने यह भी कहा है कि इस्लाम के मसाईल पर यदि कट्टरपंथी विचारधारा के लोग धर्म के नाम पर समाज में किसी प्रकार का भ्रम पैदा करने की कोशिश करेगें तो वह हमेशा उन्हें इसी तरह जवाब देते रहेंगे.

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