आस मोहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
मेरठ : मेरठ बसपा में बगावत हो गई है. बसपा के उत्तराखंड प्रभारी व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के सूचना सलाहकार रहे अवधेश गौतम के भाई और बसपा सरकार में राज्यमंत्री रहे प्रशांत गौतम इसके अगवा हैं. यहां बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी और कोर्डिनेटर एमएलसी अतर सिंह राव पर हार की वजह थोपते हुए उन्हें ‘दलाल’ बताकर मेरठ में दीवारों पर पोस्टर लगा दिए गए हैं.
इस पोस्टर में कई गंभीर आरोप हैं. पोस्टर में डॉक्टर अम्बेडकर और कांशीराम का आदर्श बताकर उनका चित्र प्रेरक के तौर पर है, मगर बसपा सुप्रीमो मायावती कहीं नहीं हैं. विधानसभा हार के बाद समीक्षा में यहां पहुंचे नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी के सामने भी नारेबाजी हुई थी.
शहर में एक तरफ़ ईवीएम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहा था. इस प्रदर्शन में बसपा के पूर्व हस्तिनापुर विधायक योगेश वर्मा के समर्थकों के साथ-साथ बसपा कोर्डिनेटर एमएलसी अतर राव भी मौजूद थे. वहीं दूसरी तरफ़ प्रशांत गौतम के समर्थक ‘बसपा बचाओ, दलाल हटाओ’ नारे के साथ धरने पर बैठ गए. प्रशांत सर्मथक सिद्दीक़ी और राव का पुतला फूंकने लगे, जिस पर दोनों समर्थक आमने सामने आ गए. इन्हें अलग करने के लिए फिर पुलिस को लाठी भाजनी पड़ी.
प्रशांत गौतम का कहना है कि, ‘सरकार आने की बात कहकर तथा विभिन्न पदों का लालच देकर बहुत से लोगों से एमएलसी अतर सिंह राव ने पैसा ले लिया और सिद्दीक़ी साहब पर्दा डालते रहे. दलालो के हटने तक प्रदर्शन जारी रहेगा.’
वहीं अतर सिंह राव का कहना है कि, ‘बसपा हाईकमान को सब अवगत करा दिया गया है. पैसा लेने के सभी आरोप झूठे है.’
दरअसल, इस लड़ाई के पीछे की कहानी मेरठ जनपद की हस्तिनापुर सुरक्षित विधानसभा सीट है. यहां से प्रशांत गौतम टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने यहां योगेश वर्मा को प्रत्याशी बनाया. लेकिन योगेश वर्मा भाजपा के दिनेश खटीक से नज़दीकी मुक़ाबले में हार गए. समीक्षा बैठक में प्रशांत गौतम पर भीतरघात करने का खुला आरोप लगा.