TwoCircles.net Staff Reporter
दिल्ली : मुसलमानों के ऊपर लगातार हो रहे हमले और उनकी हत्या के विरोध में, ‘लहू बोल रहा है’ मुहिम की शुरूआत शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने की है. इस मुहिम के दौरान हज़ारों की संख्या में मुसलमान रक्तदान करेंगे. मुख्य कार्यक्रम दिल्ली में जंतर मंतर पर होगा, जहां इमरान प्रतापगढ़ी का दावा है कि हज़ारों की संख्या में लोग रक्तदान करेंगे.
उनका मानना है कि मुसलमानों का लहू मत बहाएं क्यूंकि ये किसी की जान बचाने के काम आ सकता है.
इमरान प्रतापगढ़ी ने बताया कि जापान में जब कर्मचारी सरकार की नीतियों से असंतुष्ट होते हैं तो वो हड़ताल नहीं करते, बल्कि 2 घंटे ओवरटाईम करते हैं. बस इसलिए हम अपने लोगों के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव का जवाब भलाई से दे रहे हैं.
बताते चलें कि 6 अगस्त को कुल 32 ज़िलों में एक साथ मुस्लिम समुदाय के लोग रक्तदान करेंगे. जबकि दिल्ली के जंतर मंतर पर इमरान देश की तमाम बड़ी हस्तियों के साथ खुद मौजूद रहेंगे.
इमरान कहते हैं कि खून देने की हमारी अपनी वजह है. हम कह रहे हैं कि आप हमारा खून नफ़रत के दम पर बहाना बंद कीजिए. हम अपना खून आपको दान कर रहे हैं, यह किसी की जान बचाने के काम आएगा. सेना के काम आएगा.
इमरान नौजवानों में लोकप्रिय हैं. इसलिए तमाम तरह के नौजवान उनके साथ जुड़े हैं. अनुमान है कि 10 हज़ार से ज्यादा लोग जंतर मंतर पर पहुंचेंगे. इमरान इससे पहले काली पट्टी मुहिम का भी आह्वान कर चुके हैं. ईद पर उनकी इस अपील का वैश्विक असर हुआ था. इमरान कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे और उन्हें भी इस मुहिम के बारे में बताया था.
दिल्ली के बाद दूसरा सबसे बड़ा कार्यक्रम भोपाल में होने की उम्मीद है, जहां कांग्रेस लीडर नूरी खान इमरान के सर्मथन में कैम्प लगाकर रक्तदान करा रही हैं. वैसे इमरान कहते हैं कि उनके समर्थन में कोई नहीं कुछ कर रहा है, जो लोग भी यह सब कर रहे हैं उनके अंदर एक ज्वालामुखी है, जो भीड़तंत्र की कायरता और समूह बनाकर बेगुनाहों के क़त्ल से पनपा है.
इमरान को कई हिन्दू धर्मगुरुओ ने सन्देश भेजा है और उनकी इस मुहिम की सराहना की है. जबकि कुछ मुस्लिम धर्मगुरू इससे सहमत नहीं हैं. कुछ उलेमा इस मुहिम को ग़ैर-इस्लामिक बता रहे हैं. उनका कहना है कि ज़रुरत पड़ने पर खून दिया जा सकता है, मगर राजनीतिक कारणों से आप खून का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
इमरान कहते हैं, उनकी कोई राजनैतिक महत्वकांक्षा नहीं है. किसी उलेमा ने हमारे ख़िलाफ़ कोई फ़तवा नहीं दिया है. कुछ मानसिक रूप से दिवालिया लोग हैं, जो यह सब फैला रहे हैं.
इमरान के मुताबिक़ उन्हें अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है. गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी भी लोगों से इमरान के आह्वान पर पहुंचने की अपील जारी कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हैं.
दिल्ली सरकार को डॉक्टरों की एक टीम भी वहां मौजूद रहेगी. स्वामी अग्निवेश, कन्हैया और जिग्नेश भी यहां नज़र आएंगे. इसके अलावा मौलाना असरारुल हक़ (सांसद), माजिद मेनन (सांसद), तीस्ता सीतलवाड, अब्दुल्ला आज़म, फ़हीम अहमद, नफ़ीस अहमद, नदीम जावेद जैसे लोग भी जंतर मंतर आ रहे हैं.