आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
बिजनौर : शादी में एक युवती को बंदूक़ के साथ तस्वीर खिंचवाना काफ़ी महंगा पड़ा. दैनिक जागरण ने इस वायरल फोटो के आधार पर एक ख़बर लिख दी और ख़बर का शीर्षक था —‘सिमी आतंकियों से जुड़ी ‘हसीना’ की तलाश’
ख़बर का शीर्षक किसी भी आम आदमी के होश उड़ा देने के लिए काफी है. जागरण ने अपनी ख़बर में बताया कि, ‘चार साल पहले बिजनौर के जाटान मुहल्ले में धमाका हुआ था. धमाके के बाद मची अफरा-तफरी का फायदा उठाते हुए धमाके में घायल छह लोग फरार हो गए थे. इनकी पहचान सिमी आतंकियों के रूप में हुई थी. इनमें से एक आतंकी को मुठभेड़ में तेलंगाना में मार गिराया गया था. दो को पकड़ा भी गया था. चार की गिरफ्तारी कर भोपाल जेल में रखा गया. 2015 में इन चारों ने जेल से भागने का प्रयास किया था. तब भोपाल पुलिस ने इन्हें एनकाउंटर में मार गिराया था. इन्हीं आतंकियों में से एक के साथ काजीपुरा की एक युवती की तस्वीर एजेंसियों को मिली है. तस्वीर में मौजूद सिमी आतंकी पिस्टल लिए है जबकि युवती अत्याधुनिक एके-47 लिए है.’
यही नहीं, ख़बर लिखने वाले रिपोर्टर ने अपने विचार लिखते हुए यह भी लिख दिया कि, ‘सूत्रों की मानें तो युवती स्लीपिंग माड्यूल है और आतंकियों के लिए फंड व वाहन की व्यवस्था करती है. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो युवती के पकड़े जाने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकियों और स्लीपिंग माड्यूल्स की कमर टूट जाएगी. पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भ्रमणशील हैं. जल्द ही बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होगा. डीआइजी ओंकार सिंह ने बताया कि एजेंसियां अपने मूवमेंट की जानकारी नहीं देती हैं. इस संबंध में मदद मांगने पर एजेंसियों की मदद की जाएगी.’
इस ख़बर के छपते ही युवती के घर व आस-पास के लोगों में हड़कंप मच गया. युवती के पैरों तले जैसे ज़मीन ही खिसक गई. लेकिन उसने संयम से काम लिया और खुद ही थाने पहुंचकर फोटो की सच्चाई को बताया और इस पूरे मामले में बिजनौर पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा से जांच करने की गुज़ारिश की. यहां बताते चलें कि युवती का नाम हसीना नहीं, बल्कि नसरीन है. स्योहारा के क़स्बा सहसपुर की रहने वाली है.
इस ‘हसीना’ की गुज़ारिश पर पुलिस कप्तान ने एक जांच टीम का गठन किया. इसी दिन स्योहारा थाना अध्यक्ष धर्मपाल सिंह इसकी जांच करते हैं. एक ही दिन में वो अपनी रिपोर्ट पुलिस कप्तान को देते हैं और पुलिस कप्तान इसे तमाम मीडिया संस्थानों को भेज देते हैं.
रिपोर्ट में जांच अधिकारी लिखते हैं, नसरीन स्योहारा में अक्लीमा की शादी में आई थी. यहां कश्मीर का एक युवक जो समाजसेवी शादुल्लाह का सुरक्षा गार्ड है, की लाइसेंसशुदा एसबीबीएल बंदूक के साथ कुछ लोग फोटो खिंचा रहे थे. नसरीन ने भी अपना फोटो खिंचवा लिया. ये कश्मीरी युवक एक वैध सेक्युरिटी एजेंसी के साथ काम करता है. अख़बार इसी बन्दुक को एके-47 लिखता है. अख़बार ने ग़लत लिखा है. दरअसल, इस महिला का एक युवक के साथ विवाद है, जिसने यह फोटो वायरल किया है. पुलिस की इस जांच से साफ़ होता है कि यह सिर्फ़ एक फ़ोटो का मामला है, जिसे अख़बार ने आतंकी हसीना कहकर प्रचारित किया.
पुलिस के इस प्रेस रिलीज़ के बाद दैनिक जागरण 01 अगस्त को अपने बिजनौर एडिशन में एक ख़बर लगाई. अब इस ख़बर का शीर्षक था —‘पुलिस ने खंगाली ‘हसीना’ व कश्मीरी युवक की कुंडली’
अब अख़बार अपने ख़बर में लिखता है, ‘वायरल हुए फोटो में युवती के साथ नज़र आ रहा कश्मीरी युवक सहसपुर में ही फिलहाल निजी गनर के तौर पर एक राजनेता के पास तैनात है. बताया जाता है कि इससे पूर्व वह फोटो में साथ नज़र आ रही युवती के एक रिश्तेदार के यहां गनर के तौर पर तैनात था. तभी युवती की प्रेमी युवक की बहन के शादी समारोह में उससे मुलाकात हुई और युवती ने गनर के पास मौजूद हथियार को साथ लेकर फोटो खींच लिए. अब इन्हीं फोटो को लेकर संशय बना है. आशंका जताई जा रही है फोटो में नजर आ रही पिस्टल व दूसरा हथियार प्रतिबंधित प्रतीत हो रहा है. हालांकि एसओ धर्मपाल सिंह का कहना है कि कश्मीरी युवक गार्ड है और उसके हाथ में लाइसेंसी बंदूक है. उसका लाइसेंस की जांच कर ली गई है.’
लेकिन यही दैनिक जागरण इसी ख़बर में एक बॉक्स के अंदर यह भी लिखता है कि, ‘कश्मीरी युवक की तलाश में जुटी पुलिस’ आगे ख़बर में बताया गया है कि युवती के साथ फोटो में नज़र आ रहा कश्मीरी युवक अभी फ़रार बताया गया है…
दैनिक जागरण की कहानी यहीं ख़त्म हुई. बिजनौर एडिशन को छोड़कर बाक़ी सारे एडिशन में एक दूसरी ख़बर आई है और इस ख़बर का शीर्षक है —‘स्लीपिंग माड्यूल्स की फंडिंग करते हैं ‘हसीना’ के गुर्गे’
इस बार ख़बर में यह भी लिखा गया कि, ‘जिले का नाम कभी स्लीपिंग माड्यूल्स तो कभी फेक करेंसी के कारण सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहा है. रविवार को काजीपुरा निवासी हसीना का नाम सामने आया. इसके बाद पुलिस अधिकारी और सुरक्षा एजेंसियां मंडल में सक्रिय हो गई. हसीना के रिश्तेदारों की धरपकड़ की जाने लगी. स्योहारा पुलिस ने हसीना के रिश्तेदारों से घंटों पूछताछ की. न तो हसीना की जानकारी हो पाई और न ही उससे जुड़े लोगों की. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो हसीना के गुर्गे स्लीपिंग माड्यूल्स और आतंक से जुड़े लोगों के लिए फंड की व्यवस्था करते हैं.’
इस ख़बर के लिखने वाले आगे यह भी लिखा कि, ‘एजेंसियों के सामने एक तस्वीर आई है, जिसकी पड़ताल की जा रही है. इसमें एक युवती अत्याधुनिक बंदूक लिए बैठी है जबकि उसके पास में युवक शस्त्र लिए बैठा है. पड़ोस में बैठा युवक फौजियों की वर्दी के रंग की जैकेट पहने है. लिहाजा उसे निजी सुरक्षाकर्मी नहीं बताया जा सकता. फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां हसीना की कुंडली खंगालने में जुटी हैं. मुरादाबाद में निर्यातकों की संख्या अधिक होने के कारण सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हसीना के गुर्गो के संपर्क शहर के निर्यातकों से हैं. हसीना पहले नई उम्र के युवकों को प्रेम जाल में फंसाती है उसके बाद उसे स्लीपिंग माड्यूल्स के रैकेट में शामिल कर देश विरोधी गतिविधियां कराती है. सुरक्षा एजेंसियों को कुछ नाम मिले हैं. जिनके आधार पर टीम छापेमारी कर रही है.’
रिपोर्टर का दिल इतना भर लिखने से भी नहीं भरा. अब उसने इस ‘हसीना’ के तार जोड़ने शुरू किए. ज़रा आप देखिए कि कैसे रिपोर्टर इस ‘हसीना’ के तार कहां-कहां जोड़ता है. अख़बार का रिपोर्टर सुधीर मिश्र आगे लिखता है कि, सूत्रों की मानें तो हसीना के तार लखनऊ से भी जुड़े हैं. कुछ दिन पहले राजधानी में हुए एनकाउंटर के कुछ दिन पहले ही वह उन लोगों से मिली थी, जो आतंक का सामान तैयार कर रहे थे. दिल्ली, मेरठ तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जिले हैं, जहां हसीना का नेटवर्क फैला हुआ है. कुछ महीने पहले ही उसने काजीपुरा का घर छोड़ा है. उसके नए ठिकाने की भी तलाश एजेंसियां कर रही हैं. कुछ नंबरों को सर्विलांस पर लेकर टीमें हसीना और उसके गुर्गो की तलाश में छापेमारी कर रही हैं.
इस पूरे मामले में TwoCircles.net ने बिजनौर पुलिस कप्तान एसपी अतुल शर्मा से बात की. उनका स्पष्ट तौर पर कहना है कि, युवती का कोई आतंकी केनेक्शन नहीं है. हथियार लाइसेंसी है और प्रतिबंधित भी नहीं है. युवती ने अपने हाथ में लेकर फोटो खिंचा लिया. जांच करा ली गई है. फोटो वायरल कराने में एक युवक की इस षंड्यंत्र में भूमिका सामने आई है.
वहीं बुरी तरह से तनावग्रस्त नसरीन 3 दिन से बेहद परेशान हैं. नसरीन कहती हैं कि, अख़बार ने उसकी और समाज की छवि खराब की है, जिसके लिए वो अख़बार के ख़िलाफ़ अदालत में जा रही हैं. बिना पुष्टि किया ऐसी ख़बर किसी की भी ज़िन्दगी बर्बाद कर देगी.
इस संबंध में दैनिक जागरण से बात करने पर बिजनौर ब्यूरो इस ख़बर को मुरादाबाद से छपना बताता है और मुरादाबाद ब्यूरो डेस्क पर टाल देता है. कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं है. सब अपना पल्ला झाड़ते हुए नज़र आते हैं.