TwoCircles.net News Desk
पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार में आई विनाशकारी बाढ़ में 200 से अधिक व्यक्तियों की मौत पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की है. साथ ही पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे बचाव व राहत कार्यों पर असंतोष भी व्यक्त किया है.
पार्टी ने आज एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि, केन्द्र सरकार की कोई भी टीम बिहार में बाढ़ में फंसे लोगों की दुर्दशा देखने नहीं आई, पार्टी इसे दुर्भाग्यपूर्ण मानती है.
कल पटना में राज्य कार्यकारिणी की एक बैठक हुई, जिसमें सभी ज़िलों के सचिव भी शामिल थे. इस बैठक में बिहार में बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई. साथ ही तय किया गया कि पार्टी शीघ्र ही डॉक्टरों की एक टीम सहित राहत सामग्रियों को बाढ़ क्षेत्रों में भेजेगी.
बताते चलें कि बाढ़ में राज्य के 19 ज़िलों के लगभग डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. 5 लाख एकड़ में लगी फ़सल बर्बाद हुई है. अरबों रूपये का नुक़सान हुआ है. कई गांव बाढ़ के प्रवाह में बह गए हैं. रेल, रोड, बिजली एवं अस्पताल जैसे आधारभूत संरचनाओं का व्यापक नुक़सान हुआ है. यातायात की पूरी व्यवस्था बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में ध्वस्त हो गई है. लोग दाने-दाने को मुहताज हैं. गांव घर से पानी निकलने के इन्तज़ार में वे धूप एवं वर्षा जैसे प्राकृतिक विपदा का सामना करने को मजबूर हैं.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि, सरकार की ओर से बचाव और बाढ़ राहत सामग्री वितरण करने, राहत कैंप की व्यवस्था करने, पर्याप्त मात्रा में सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने का ढोल तो ज़रूर बजाया जा रहा है, पर गांवों में दूर-दूर तक यह दिखाई नहीं पड़ रहा है. सरकार ने गांव से दूर कुछ जगहों पर नाव, सामुदायिक कीचन, दवा एवं राहत सामग्री सहित राहत कैम्पों की व्यवस्था ज़रूर की है, पर बाढ़ में प्रभावित लोगों को देखते हुए यह बिल्कुल ही नगण्य है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मुसीबत की इस घड़ी में सरकारी उदासीनता के ख़िलाफ़ पूरे बिहार आन्दोलन चलाने का ऐलान किया है. इसके लिए उन्होंने बिहार की आम जनता से भी आह्वान किया है कि वे प्रखंड स्तर पर सरकार पर जन दवाब देने के लिए धरना, प्रदर्शन में भाग लें.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े बिहार रिलिफ़ सेंटर के महासचिव डॉक्टर शकील ने बताया कि, पार्टी 5-6 अक्टूबर को राज्य के सभी समारणालयों पर ‘जन सत्याग्रह’ को आयोजित करेगी. इसकी तैयारी के लिए 1 सितम्बर से 10 सितम्बर तक राज्य भर में पार्टी की साढ़े तीन हज़ार टोलियां गांवों एवं शहरों में पदयात्रा अभियान चलाएगी और लोगों को जन सत्याग्रह में भाग लेने की अपील करेगी. 11 सितम्बर से 20 सितम्बर तक राज्य स्तरीय नेताओं का सात जीप जत्था राज्य भर में जन सत्याग्रह के प्रचार कार्यक्रम में निकलेगा और विभिन्न ज़िलों में ज़िला नेतृत्व के साथियों के साथ छोटी-बड़ी अनेक सभाओं और गोष्ठियों को संबोधित करेगा. 3 और 4 अक्टूबर को ज़िला स्तर पर जीप, मोटर साइकिल और साइकिल का जत्था अपने-अपने ज़िला में जन सत्याग्रह में बड़ी संख्या में लोगों को शामिल करने की तैयारी में निकलेगा. पार्टी ने इस जन-सत्याग्रह में एक लाख से भी अधिक लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है.