तब्लीग़ी जमाअत के इज्तमा में जुटे 2 लाख मुसलमान, मांगी देश में अमन की दुआ

TwoCircles.net Staff Reporter


Support TwoCircles

तेवड़ा : पिछले तीन दिन से चल रहे मुज़फ़्फ़रनगर के तेवड़ा गांव में तब्लीग़ी जमाअत के इज्तमा में 2 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए.

इतवार को सुबह 11 बजे तब्लीग़ी जमाअत के मरकज़ यानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन से मौलाना जमशेद यहां पहुंचे और उन्होंने मुल्क के अमन-व-अमान की दुआ कराई. इस वक़्त सबसे ज्यादा तादाद में लोग जमा हुए.

बताते चलें कि लोगों के बीच तब्लीग़ी जमाअत के लोकप्रियता में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. इस इज्तमा में भारी संख्या में नौजवान भी शामिल हुए.

तेवड़ा गांव के आस मोहम्मद बैशाखियों के सहारे चल रहे हैं. मगर वो इज़्तमा के आख़िरी दिन दुआ में शरीक होने पहुंचे हैं. वो हमें बताते हैं, अल्लाह को राज़ी हो जाए बस.

तब्लीग़ी जमाअत से 20 साल से जुड़े हाजी महबूब बताते हैं, तब्लीग़ी इधर-उधर नहीं उलझते, वो सीधी और सच्ची बात करते हैं. अल्लाह राज़ी हो जाए, रसूल की सुन्नत पर अमल हो जाए.

तब्लीग़ी जमाअत से जुड़ने वालों में पढ़े-लिखे नौजवान भी हैं. इन्हीं लोगों में गुल मोहम्मद भी हैं. वो सिकंदरपुर के रहने वाले हैं और एमबीए कर चुके हैं.

गुल मोहम्मद बताते हैं, वो तीन चिल्ले लगा चुके है. 40 दिन के लिए जमाअत में जाना एक चिल्ला कहलाता है.

गुल मोहम्मद पहली बार जब जमाअत में गए तो वो दसवीं में पढ़ते थे. तभी उन्होंने रसूलल्लाह की सुन्नत पर अमल करने की नियत से दाढ़ी रख ली. उसके बाद उन्होंने एलएलबी और एमबीए भी किया. अब वो हमसे कहते हैं कि तब्लीग़ में सुकून है.

मोहम्मद हनीफ़ की बात मज़ेदार है. 12वीं में पढ़ते थे, जब वो जमाअत में गए. अब्बा ने देखा लड़का इधर-उधर घूम रहा है, जमात में भेज दो. 40 दिन की जमाअत से वो 27 दिन में ही भाग आए. लेकिन अब जमाअत के साथ रहना उन्हें अच्छा लगता है.

बुर्जुग रईस अहमद कहते हैं, जमाअत में कोई पाबंदी नहीं है कि आप कितना वक़्त दे. आप अपने मोहल्ले की मस्जिद में एक दिन भी दे सकते हैं.

बीबीए की पढ़ाई कर चुके शाहनवाज़ भी उन नौजवानों में से एक हैं, जो इस इज्तमा के दुआ में शरीक होने पहुंचे हैं.

शाहनवाज़ कहते हैं, यहां तर्क-वितर्क की बात नहीं है, अल्लाह का हो जाने की बात है. जब लाखों हाथ दुआ के लिए एक साथ उठते हैं तो यक़ीनन अल्लाह खुश होता होगा. खुदा से मुहब्बत को पिछड़ापन नहीं कह सकते.

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE