TwoCircles.net News Desk
अजमेर : अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख यानी दरगाह दीवान ने राजसमंद में हुई अफ़राज़ुल की बेरहमी से हत्या की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि एक सभ्य समाज में ऐसी घटना पूरे समाज को कलंकित करने वाली है, जिसको किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. अतिवादी ने जिस तरह जघन्य हत्या कर वीडियो वायरल किया, वह तालिबानी आतंकी झलक है.
सोमवार को एक बयान जारी कर सूफ़ी संत हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादानशीन दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि, इस निर्मम हत्या ने इस देश में नफ़रत का बीज बोने का काम किया है. इस प्रकार का कृत्य धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला है. सरकार को इस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करते हुए एक मिसाल क़ायम करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो और समाज में आपसी सौहार्द और भाईचारा बना रहे.
दरगाह दीवान ने कहा कि अफ़राज़ुल को शंभूलाल ने जिस तरह से क़त्ल कियाऔर साथ ही उस पूरी घटना का वीडियो बनाकर वायरल किया, वो किसी तालिबानी आतंक से कम नहीं है.
उन्होंने कहा तालिबानी आतंकी भी इसी तरह निर्दोष लोगों का क़त्ल करते हैं और वीडियो बनाकर दहशतगर्दी के लिए वायरल करते हैं. शंभूलाल ने भी उसी तरह तालिबानी आतंकवाद का अनुसरण करते हुए अपने घिनौने कृत्य का वीडियो बनाकर दहशत फैलाने का काम किया है. जबकि हमारे भारत देश, जिस देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब दुनिया के लिए एक मिसाल है, उसी देश में लोग इतने बेरहम हो रहे हैं, यह हमारे पूरे देश के लिए चिंता का विषय है और पूरे समाज व राजनीतिक दलों को इस पर गहरा चिंतन करने की आवश्यकता है कि हम हमारे देश को किस दिशा में लेकर जा रहे हैं. आज इंसान इंसानियत को भूलकर जानवर का रूप धारण कर रहा है.
दीवान ने राजस्थान सरकार को कहा कि राजसमंद की दिल दहला देने वाली इस घटना पर सरकार को कड़े क़दम उठाते हुए त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं से पूरे प्रांत में माहौल ख़राब हो सकता है.
उन्होंने ‘हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ट्रस्ट’ की ओर से अफ़राजुल के परिवार को 51 हज़ार रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.