‘यह देश संविधान के अनुसार चलेगा, नागपुर से आ रहे अनुदेशों के अनुसार नहीं…’

हसन अकरम, TwoCircles.net


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नई दिल्ली : राजस्थान में हो रहे लगातार अल्पसंख्यकों पर हमलों पर लापरवाही और अराजक तत्वों को ख़ामोश समर्थन देनी वाली सरकार को संविधान की याद दिलवाने के मक़सद से मंगलवार को नई दिल्ली में बीकानेर हाऊस के सामने एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया.

प्रदर्शनकारियों ने राजसमंद में मारे गए अफ़राज़ुल के हत्यारों को पकड़ने और गिरफ्तार किए गए दस मुस्लिम नौजवानों को रिहा करने की मांग की.

इस अवसर पर छात्र नेता उमर ख़ालिद ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि, उदयपुर में अफ़राज़ुल को न्याय दिलाने के लिए एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ था, जहां से किसी तरह के तोड़फोड़ या हिंसा की कोई ख़बर नहीं आई. लेकिन बावजूद इसके बाद दस मुसलमानों को जेल में बंद कर दिया गया. जबकि उसी के तीन दिन बाद उदयपुर कोर्ट के सामने आरएसएस के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और अदालत के ऊपर चढ़कर भगवा झंडा लहराया, मगर उनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया.

उमर खालिद ने आगे कहा कि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के एक नेता ने जब नीच आदमी कहा तो उन्होंने उसका जवाब देते हुए कहा कि वह मुग़ल परम्पराओं को फैला रहे हैं. हालांकि सब जानते हैं कि ऊंचनीच की व्यवस्था मुग़लों ने नहीं, हिंदू धर्मशास्त्रों ने दिया है. प्रधान मंत्री को जबनीचशब्द इतना ही बुरा लगता है तो पहले मनुस्मृति को जलाएं, जैसे बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने 1927 में जलाया था.

उमर खालिद के अलावा डॉ. जॉन दयाल, राहुल रॉय, नदीम खान, मोहित पांडेय आदि ने भी प्रदर्शन को संबोधित किया. इस बीच प्रदर्शनकारियों ने राज्य और केंद्र सरकार के विरुद्ध नारे भी लगाए.

प्रदर्शन के आख़िर में प्रदर्शनकारियों की ओर से चार लोगों के एक दल ने अंदर जाकर राजस्थान के आयुक्त से मुलाक़ात की और संविधान की एक कॉपी देकर उनसे कहा, ‘मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को यह किताब दे और उनसे कहें कि वह राज्य को इस के अनुसार चलाएं.’

यह प्रदर्शनयूनाइटेड अगेंस्ट हेटकी ओर से बुलाया गया था. ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेटबुद्धिजीवियों और छात्र नेताओं द्वारा चलाया गया एक अभियान है जो नफ़रत के आधार पर हो रहे अपराधों के रोकथाम के लिए काम करता है

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