आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
मुज़फ़्फ़रनगर : मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के खतौली कोतवाली क्षेत्र में गोकशी के मामले में पुलिस के ज़रिए दो नाबालिग़ लड़कियों जेल भेजने का मामला तूल पकड़ लिया है.
पुलिस के इस कार्रवाई के बाद इस इलाक़े के लोग प्रदर्शन कर सवाल उठाया है कि आख़िर पुलिस ने दो नाबालिग़ लड़कियों को क्यों गिरफ्तार किया है?
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रवक्ता शादाब चौहान के अनुसार पुलिस ने बेहद अमानवीय कार्य किया है और वो न्याय न मिलने की स्थिति में इस लड़ाई को लेकर धरना देंगे.
गौरतलब है कि शुक्रवार को खतौली पुलिस ने यहां के इस्लामनगर मोहल्ले में एक मकान में छापा मारकर 5 महिलाओं सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इनके पास से 3 क्विंटल गोमांस मिलने का दावा किया है.
पुलिस का कहना है कि परिवार का मुखिया नसीमुद्दीन के ख़िलाफ़ गोकशी के कई मामले दर्ज हैं. वो मौक़े से फ़रार है.
लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नसीमुद्दीन फ़रार है तो महिलाओं पर मुक़दमें क्यों और नाबालिग़ लड़कियों की गिरफ़्तारी किस आधार पर की गई. आख़िर ये कहां का इंसाफ़ है.
परिजनों के मुताबिक़ इन नाबालिग़ लड़कियों में एक की उम्र 12 साल तो दूसरे की उम्र 16 साल है. हालांकि इन दोनों के अलावा पुलिस ने इस मामले में लड़की की मां और 6 दूसरे लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि अदालत में पुलिस ने दोनों लड़कियों को बालिग़ बताया और उसी आधार पर जेल भेज दिया गया. लेकिन इनके मौजूद दस्तावेज़ों व आधार कार्ड में प्रकाशित उम्र के हिसाब से ये दोनों नाबालिग़ हैं.
क़ानून से जुड़े लोगों का ये भी कहना है कि पुलिस को इन्हें जुवेनाइल होम भेजना था न कि जेल. बस यही वजह है कि इनकी गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
हालांकि खतौली कोतवाल अम्बिका प्रसाद भारद्वाज का कहना है कि, लड़कियों के नाबलिग़ होने की बात ग़लत है. लड़किया बालिग़ हैं और मेडिकल जांच में इसकी पुष्टि हो जाएगी. आधार कार्ड में उम्र ग़लत लिखाई गई है.
इस मामले को लेकर दर्जनों लोग एसएसपी के कार्यालय पर एसपी अजय सहदेव से स्थानीय पुलिस के ख़िलाफ़ शिकायत भी कर चुके हैं.