सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
ओबरा : सोनभद्र मंडल की दो विवादित विधानसभा सीटों – जिनमें ओबरा और दुद्धी शामिल हैं – पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कल याचिका खारिज करते हुए कहा कि इन सीटों पर आयोग द्वारा जारी किया गया अनुसूचित जनजाति का आरक्षण ही लागू रहेगा.
दरअसल चुनाव आयोग ने सोनभद्र की ओबरा और दुद्धी विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित कर दिया है. बीते विधानसभा चुनाव में दुद्धी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, जबकि ओबरा सीट- जो उसी साल सामने आई थी – अनारक्षित थी.
चुनाव आयोग के निर्णय के बाद दोनों ही विधानसभाओं में खलबली मच गयी और लगभग सभी प्रत्याशी मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए. कुछ दिनों के विरोध के बाद आरक्षण विरोधियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी कि इन सीटों को वापिस पुरानी स्थिति में लौटा दिया जाए. तीन सुनवाईयों के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका कल खारिज कर दी है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि इन सीटों पर आरक्षण साल 2001 की जनगणना के हिसाब से मान्य है. क्योंकि 2011 की जनगणना में सामाजिक और आर्थिक गणना के आंकड़े अधिसूचित नहीं हुए हैं. कोर्ट ने यह भी माना है कि आयोग की कार्रवाई किसी रूप से अवैध नहीं है.
जस्टिस वीके शुक्ल और संगीता चंद्रा की खंडपीठ ने यह फैसला चंद्रिका प्रसाद समेत अन्य कई लोगों की याचिका पर सुनाया. याचिकाकर्ता के पक्ष से जुड़े लोगों का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट में भी जाएंगे, लेकिन याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत मिलने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं.
अंतिम चरण में चुनाव में जा रहे सोनभद्र में आज से नामांकन शुरू होना है. यहां की दुद्धी विधानसभा सीट पर बसपा से विजय सिंह गोंड का नाम तय है, बाकी ओबरा विधानसभा सीट पर विजय सिंह गोंड अपने बेटे के लिए प्रयास में लगे हुए हैं जो सफल भी साबित हो रहा है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद बाकी प्रत्याशियों-पार्टियों को जल्दी ही नाम तय कर नामांकन के लिए जाना होगा.